नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) ने देश को फिर से होते दंगों के लिए चर्चा करने पर मजबूर कर दिया था। इस घिनोने कृत्य के द्वारा दंगाईयों की कोशिश सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) को बदनाम करना भी था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pardesh) के प्रशासन ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया। अब एक बार फिर हिंसा के दोषियों पर कानून का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) में फंडिंग करने का आरोपी मुख्तार बाबा के बाबा बिरयानी (Baba Biryani) के नाम पर चल रही 6 आउट लेट्स पर छापेमारी करके कार्यवाही की है। बता दें कि फूड डिपार्टमेंट और मजिस्ट्रेट के अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर बाबा मुख्तार बाबा की बाबा बिरयानी के नाम से चल रहे 6 रेस्टोरेंट को सील कर दिया है। इससे पहले फूड डिपार्टमेंट की टीम ने उसके आउट लेट्स से सैंपल लेकर आगरा लैब में भेजा था। जैसे ही लैब से रिपोर्ट आई तो पता चला कि बाबा बिरयानी के यहां की बिरयानी सेहत के लिहाज से हानिकारक है और इसके बाद ही जिला प्रशासन ने उस पर बड़ा कार्यवाई करते हुए सभी दुकानों को सील कर दिया।
कानपुर 3 जून की हिंसा में ‘बाबा बिरयानी’ के मालिक मुख्तार बाबा जेल भेजे गए थे। बिरयानी के सैंपल फेल होने के बाद #FSSAI सारे आउटलेट्स सील कर रहा है। मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कार्रवाई स्वरूप नगर,आर्य नगर, नवीन मार्केट सभी जगह एक साथ पड़ी छापेमारी। pic.twitter.com/FIajeLnMbp
— Akash Savita (@AkashSa57363793) June 27, 2022
हिंसा के लिए की थी फंडिग
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कानपुर हिंसा को पहले से ही सुनियोजित किया गया था और इस हिंसा में बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा ने दंगे के मास्टमाइंड जफर हासमी को बड़े पैमाने पर फंडिंग की थी। इसके सबूत SIT के पास मौजूद हैं। इसके अलावा मुख्तार बाबा पर विवादित जमीन पर खरीदने व बेचने का भी आरोप है।
बता दें कि इस कार्यवाही और रेस्टोरेंट को सील करने के लिए कानपुर शहर के डीएम विशाख जी अय्यर ने आदेश दिए थे। सोमवार 27 जून 2022 को जांच के लिए गठित सभी टीमों ने एक साथ छापेमारी कर बाबा बिरयानी के 6 रेस्टोरेंट को शील कर दिया। जब मुख्तार बाबा के बिरयानी की लैब में जांच हुई तो वह रिपोर्ट नेगेटिव आई और इसके बाद ही इस पर ये कार्यवाही की गई।
कानपुर हिंसा में जमकर हुई थी राजनीति
कानपुर हिंसा के वक्त देश ने यूपी के इस शहर को दंगे की आग में धधकते हुए देखा था। इस दगें के लिए सूबे की सरकार को भी विपक्ष के द्वारा जिम्मेदार ठहराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। लेकिन जब कानपुर दंगों की सच्चाई दुनिया के सामने आई, तो जो लोग हिंसा के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, इन ही लोगों ने उस वक्त चुप्पी साध ली। खैर, अब सच्चाई सबके सामने आ गई है और प्रदेश सरकार आरोपियों की पहचान कर उन पर एक्शन लेने के साथ जेल भेजने का काम कर रही है।