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Muslim Religious Leader Supported The order Regarding Kanwar Marg : कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखने के आदेश का मुस्लिम धर्मगुरु ने किया समर्थन, अखिलेश यादव को दी सलाह, न करें वोट बैंक की राजनीति

Muslim Religious Leader Supported The order Regarding Kanwar Marg : ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा, मेरी अखिलेश यादव से गुजारिश है कि हिंदू और मुसलमानों के बीच टकराव की स्थिति पैदा न करें। इस धार्मिक मामले को राजनीतिक अखाड़ा न बनाएं। जब यहां के मुस्लिमों को दिक्कत नहीं है तो अखिलेश यादव को क्यों परेशानी हो रही है।

नई दिल्ली। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखने के यूपी सरकार के आदेश को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच मुस्लिम धर्मगुरु ने इस फैसले का समर्थन किया है। साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी का कहना है कि पुलिस द्वारा दुकानदारों को उनके नाम का बोर्ड लगाने की एडवाइजरी इसलिए जारी की गई जिससे व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त हों। चूंकि मुजफ्फरनगर, सहारनपुर इलाका बहुत ही संवेदनशील रहा है, इसलिए सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने और हिंदू-मुस्लिम टकराव की स्थिति न हो इसके लिए पुलिस ने यह आदेश दिया है, मैं इसका समर्थन करता हूं।

उन्होंने कहा, यह एक मजहबी यात्रा है और अखिलेश यादव इस मामले में सस्ती लोकप्रियता के लिए वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। मेरी अखिलेश यादव से गुजारिश है कि हिंदू और मुसलमानों के बीच टकराव की स्थिति पैदा न करें। इस धार्मिक मामले को राजनीतिक अखाड़ा न बनाएं। यहां के मुसलमानों को सरकार इस आदेश से कोई दिक्कत नहीं है और उन्होंने दुकानों के बाहर बोर्ड भी लगा लिए हैं। जब मुस्लिमों को दिक्कत नहीं है तो अखिलेश यादव को क्यों दिक्कत हो रही है। धार्मिक यात्रा को राजनीतिक यात्रा न बनाएं। 2027 के चुनाव में मौका आएगा तब खूब राजनीति करें।

गौरतलब है कि जब से यूपी सरकार द्वारा यह आदेश जारी किया गया है उसके बाद से अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेता इसका विरोध कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट पर इस आदेश के संबंध में सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि जिस व्यक्ति का नाम गुड्डू, मुन्ना या छोटू है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? कोर्ट को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।