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Initiative: हिंदुओं की टारगेट किलिंग और दंगों के खिलाफ उठी देश के मुसलमानों की आवाज, आतंकियों और दंगाइयों को बताया गुनहगार

देश में बड़ा बदलाव दिखने लगा है। आतंकवाद, कश्मीरी हिंदुओं की हत्या और दंगों के खिलाफ अब भारत के मुसलमानों की आवाज उठने लगी है। पिछले दो दिन में हजारों मुस्लिमों और उनके संगठनों ने आतंकी गतिविधियां करने वालों और दंगाइयों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।

नई दिल्ली। देश में बड़ा बदलाव दिखने लगा है। आतंकवाद, कश्मीरी हिंदुओं की हत्या और दंगों के खिलाफ अब भारत के मुसलमानों की आवाज उठने लगी है। पिछले दो दिन में हजारों मुस्लिमों और उनके संगठनों ने आतंकी गतिविधियां करने वालों और दंगाइयों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। आने वाले वक्त में इस बारे में और भी मुस्लिमों और उनके रहनुमाओं की जुबान तीखी होने की उम्मीद की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में कश्मीर घाटी में हिंदुओं की टारगेट किलिंग की तमाम घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा यूपी में इन्वेस्टर समिट जैसे खास प्रोग्राम के दौरान कानपुर में हुए दंगों को भी मुस्लिम समाज आमतौर पर अच्छी नजरों से नहीं देख रहा है।

भारतीय मुसलमानों के संगठनों में पहचान रखने वाले रजा अकादमी ने मुंबई की मीनारा मस्जिद के बाहर कश्मीर में हिंदुओं की हो रही हत्या के खिलाफ अपने समर्थकों के साथ आवाज उठाई है। संगठन ने मांग की है कि जो भी लोग कशमीर में टारगेट किलिंग कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। रजा अकादमी के अध्यक्ष मोहम्मद सईद नूरी ने इस मौके पर साफ कहा कि देश के मुसलमान कश्मीरी पंडितों के साथ खड़े हैं। ऐसी ही बात जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में जामिया मस्जिद के मुफ्ती-ए-आजम नासिर उल-इस्लाम ने भी कही है। शुक्रवार को उन्होंने नमाज के बाद मौजूद लोगों से कहा कि कश्मीरी हिंदू हमारे भाई हैं। उनकी हत्या की निंदा की जानी चाहिए। नासिर ने कहा कि यहां के स्थानीय लोगों की जिम्मेदारी है कि वे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें। मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी मुसलमानों को अपने हिंदू भाइयों को जरूरत पड़ने पर सुरक्षा की खातिर अपने घर पर भी रखना चाहिए।

उधर, कानपुर में शुक्रवार को हुए दंगों के खिलाफ सूफी खानकाह एसोसिएशन ने आवाज उठाई है। एसोसिएशन ने कहा कि नबी यानी पैगंबर की शान में गुस्ताखी को माफ नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बहाने हिंसा करना भी जायज नहीं है। एसोसिएशन ने दंगों के लिए केरल के संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI को जिम्मेदार बताया। सूफी संगठन ने यूपी सरकार से मांग की है कि पीएफआई की भूमिका की जांच होनी चाहिए।