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Manipur Violence: मणिपुर में फंसे लोगों की सुरक्षित निकाली को लेकर एक्शन में नागालैंड और त्रिपुरा, उठाया ये बड़ा कदम

Manipur Violence: इसके अलावा मणिपुर में जारी संवेदनशील स्थिति को काबू में करने के लिए नागालैंड सरकार भी एक्शन मोड मे है। सरकार ने पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखी हुई है। उधर, नागालैंड के गृह विभाग ने मणिपुर सरकार से संपर्क किया और वहां फंसे नागा लोगों की सुरक्षित निकाली के लिए उनसे वार्ता भी की।

नई दिल्ली। सोच नहीं था कि बीज सरीखा यह विवाद एक दिन दरख्त का रूख अख्तियार कर पूरे मणिपुर को झुलसा कर रख देगा। मणिपुर अभी हिंसा की आग में झुलस रहा है। लोगों के घर, खेत, खलिहान, जान-माल सबकुछ हिंसा की आग की जद में आकर झुलस रहे हैं। लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। उधर सरकार के हस्तक्षेप के बाद अब मौके पर शांति बनाए रखने के लिए केंद्र से बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को भेज दिया गया है। हालांकि, अब स्थिति शांतिपूर्ण जरूर है, लेकिन संवेदनशील बनी हुई है। इस हिंसा की जद में आकर 9 हजार से भी अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं, तो कई बेघर। वहीं, कितने लोगों को हिंसा की जद में आकर अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके बारे में किसी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। वहीं, राज्य सरकार भी इस संदर्भ में कोई जानकारी देने से गुरेज ही कर रही है। उधर, मेघायल, त्रिपुरा और नागालैंड सरकार लोगों की मणिपुर से सुरक्षित निकासी के लिए एक्शन मोड में आ चुकी है।

बता दें कि इस संदर्भ में त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा ने अधिकारियों संग बैठक की। त्रिपुरा सरकार ने मणिपुर में गड़बड़ी के संबंध में त्रिपुरा के निवासियों को 24×7 आधार पर सहायता प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। नबंर है ERSS: 112, स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर : 1070/0381-2416045/ 2416241 और व्हाट्सएप नंबर: 8787676210 है। मुख्यमंत्री ने मणिपुर में फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिस पर लोग संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अलावा मणिपुर में जारी संवेदनशील स्थिति को काबू में करने के लिए नागालैंड सरकार भी एक्शन मोड मे है। सरकार की पूरी स्थिति पर नजर है। उधर, नागालैंड के गृह विभाग ने मणिपुर सरकार से संपर्क किया और वहां फंसे नागा लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए उनसे वार्ता भी की। वहीं अपने लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए नागालैंड सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। जिस पर संपर्क कर लोग सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा लोगों की मदद के लिए सेना की ओर से भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। सेना की ओर से जारी की गई सूचना के मुताबिक, पूरे भारत के लिए 1904, भारतीय सेना की पूर्वी कमान, कोलकाता, मोबाइल नंबर 7439229496, लैंड लाइन नंबर- 033-22438703, तेजपुर मोबाइल नंबर 9387144346, लैंडलाइन नंबर 036-2124276, रंगापारा- मोबाइल नंबर 8798959257 और लैंड लाइन नंबर 038-62249122 को जारी किया गया है। आइए, अब आगे जानते हैं कि आखिर विवाद की मुख्य वजह क्या है।

जानें क्या है विवाद की मुख्य वजह

दरअसल, मणिपुर में एक समुदाय है, जिसका नाम है मैतेई। अब मैतेई सरकार से यह मांग कर रहा है कि उसे जनजाति समुदाय का दर्जा मिले, ताकि उसे भी सरकारी नौकरियों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिल के दौरान आरक्षण मिल सकें, लेकिन आपको बता दें कि राज्य के दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा मैतेई की इन मांगों का विरोध किया जा रहा है। विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि अगर इन्हें आरक्षण दे दिया गया, तो हमारे हितों पर कुठाराघात होग। हमें नौकरियां प्राप्त करने और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिल प्राप्त करने में अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

दरअसल, दूसरे समुदायों का कहना है कि मैतेई समदाय राज्य के समृद्ध लोगों से एक हैं। यह लोग शिक्षित, धनी, संभ्रांत और समृद्ध हैं। इन लोगों को आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। अगर सरकार की ओर से इन लोगों को आरक्षण दे दिया गया, तो इसे हमारे हितों पर कुठाराघात होगा। आइए, अब जरा इसके कानूनी पहलुओं के बारे में जान लेते हैं। वहीं, गत दिनों मणिपुर हाकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वो 10 साल पुरानी केंद्र की सिफारिशों को लागू करें। जिसके बाद से राज्य में जारी हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।