श्रीनगर। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने जिला विकास परिषद चुनाव कैंपेनिंग के दौरान दूसरे दिन आज बल्हामा, श्रीनगर (Srinagar) में जनसभा को संबोधित (Address to public meeting) किया। जहां उन्होंने कहा कि पंथनिरपेक्षता, केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के लिए वोट का सौदा नहीं बल्कि समावेशी विकास का मसौदा है। मोदी युग इकबाल, इंसाफ और ईमान का युग है जहां समावेशी विकास और देश की सुरक्षा, समृद्धि प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने दिल्ली के सत्ता के गलियारे से कुनबे के करप्शन को खत्म किया उसी तरह जम्मू-कश्मीर से भी कुनबे के करप्शन का सफाया होगा। वंशवाद की राजनीति के चंगुल से निकल कर आज जम्मू-कश्मीर सर्वस्पर्शी विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई दशकों के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के लोग पारदर्शी लोकतांत्रिक एवं विकास का बराबर का भागीदार-हिस्सेदार बने हैं।
अनुच्छेद 370 को लेकर कहा ये
अनुच्छेद 370 को लेकर कहा नकवी ने कहा कि 370 की आड़ में वंशवाद की राजनीति करने वालों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को विकास की मुख्यधारा एवं उनके अधिकारों से षड़यंत्र के तहत दूर रखा। भाजपा जम्मू-कश्मीर को खुशहाली के रास्ते पर आगे ले जाएगी। कांग्रेस का गुपचुप गुपकार डिक्लेरेशन देश के खिलाफ एक साजिश है। गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर के लोगों में भ्रम पैदा करने की साजिश कर रहा है लेकिन यह लोग अपनी इस साजिश में कभी कामयाब नहीं होंगे। गुपकार डिक्लेरेशन, डायनास्टिक एवं डिस्ट्रकटिव पॉलिटिक्स के लिए डाईंग डिक्लेरेशन साबित होगा।
आगे उन्होंने कहा कि 370 की आड़ में जम्मू-कश्मीर-लद्दाख में जनता के विकास के लिए दिए गए सरकारी धन की लूट मचाने वालों की खानदानी गुरुर का पानदानी सुरूर चकनाचूर हो रहा है। 370 के खात्मे के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया एवं समावेशी विकास में बराबर की हिस्सेदारी-भागीदारी सुनिश्चित हुई है। 370 के हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के लोगों के जर, जंगल, जमीन के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं, मजबूत हैं। धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर, लेह-कारगिल के लोगों के व्यापार, कृषि, रोजगार, संस्कृति, जमीन-संपत्ति आदि के अधिकारों को संपूर्ण संवैधानिक सुरक्षा दी गई है।
जम्मू-कश्मीर में पीछड़े लोगों को लेकर कहा ये
नकवी ने कहा कि 370 हटने से पहले जम्मू-कश्मीर में रहने वाले पहाड़ी गुज्जर-बक्करवालों, पिछड़े-कमजोर तबकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला था, बंटवारे के बाद पाकिस्तान से जम्मू- कश्मीर आए विस्थापितों को 70 सालों बाद भी नागरिकता और वोट देने का अधिकार नहीं मिला था। 2019 में 370 का खात्मा कर केंद्र की भाजपा सरकार ने यह अधिकार दिलाये।