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DART Mission: नासा का बड़ा कारनामा, एयरस्पेस में पृथ्वी से टकराने वाले एस्टेरॉयड की बदल डाली दिशा, कामयाब हुआ मिशन डार्ट

DART Mission: डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test – DART) मिशन के तहत पृथ्वी के समकक्ष या एयरस्पेस में घूम रहे एस्टेरॉयड डाइमॉरफोस को स्पेसक्राफ्ट से टकराया गया

नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। नासा ने एक एस्टेरॉयड को दूसरी ऑर्बिट में धकेल दिया, जो पृथ्वी के समकक्ष घूम रहा था। एस्टेरॉयड की दिशा बदलने में नासा कामयाब रहा। ये मिशन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने वाले एस्टेरॉयड से बचाया जा सकेगा। नासा ने इसके लिए एक मिशन शुरू किया था जिसका नाम है डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test – DART) मिशन। इस मिशन के तहत एस्टेरॉयड को धकेलने का लक्ष्य रखा गया था।

मिशन डार्ट हुआ सफल

डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test – DART) मिशन के तहत पृथ्वी के समकक्ष या एयरस्पेस में घूम रहे एस्टेरॉयड डाइमॉरफोस को स्पेसक्राफ्ट से टकराया गया और उनकी दिशा को बदल दिया गया है। इस दिशा में नासा कामयाब रहा। एक ट्वीट करते हुए नासा ने लिखा- #DARTMission टीम द्वारा पिछले 2 हफ्तों में प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि डिमोर्फोस के प्रभाव ने क्षुद्रग्रह की कक्षा को 32 मिनट तक सफलतापूर्वक बदल दिया है। यह पहली बार है जब मानव ने अंतरिक्ष में किसी खगोलीय वस्तु की दिशा को बदल दिया है!

नासा के लिए गर्व का पल

इसमें गौर करने वाली बात ये हैं कि डार्ट मिशन में जिस  स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया उसकी लंबाई 19 मीटर है और जिन छोटे एस्टेरॉयड डाइमॉरफोस से उसे टकरा गया, उसकी लंबाई 163 मीटर है । यानी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी लंबाई। इसे आप एक विशाल मैदान के तौर पर भी देख सकते हैं।सबसे अच्छी बात ये है कि मिशन में सिर्फ एस्टेरॉयड डाइमॉरफोस से टकराना ही जरूरी नहीं था बल्कि दिशा को बदलना जरूरी था। नासा ने ऐसा कारनामा कर भी दिखाया। ऐसा पहली बार हुई है जब एयरस्पेस में किसी एस्टेरॉयड की दिशा को ही बदलकर रख दिया गया हो। ये मिशन सभी वैज्ञानिकों के लिए चुनौती थी क्योंकि इसके लिए सटीकता से टकराना बहुत जरूर था।