
नई दिल्ली। नीट यूजी परीक्षा में धांधली के चलते एग्जाम को रद्द करके दोबारा कराए जाने और अन्य अनियमितताओं से संबंधित 38 याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि एक बात तो साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? इसी आधार पर हम परीक्षा को रद्द करने संबंधी आदेश दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से उन उम्मीदवारों की पहचान करने को कहा जिन्हें नीट-यूजी पेपर लीक से फायदा हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से उन परीक्षा केंद्रों और शहरों का पता लगाने को भी कहा है जहां पेपर लीक हुआ था। केंद्र सरकार, एनटीए और सीबीआई को बुधवार, 10 जुलाई को शाम 5 बजे तक हलफनामा दाखिल करने का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है और इसी के साथ मामले की सुनवाई 11 जुलाई के लिए टाल दी। सीजेआई ने भविष्य में पेपर लीक जैसी घटनाएं न हों, इसको लेकर तैयारियों के संबंध में भी सरकार से सवाल किए। याचिकाकर्ता छात्रों के वकीलों ने कहा कि हम चाहते हैं कि नीट-यूजी की परीक्षा रद्द कर दी जाए।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पूर्व में दाखिल अपने हलफनामे में परीक्षा को रद्द न करने की सिफारिश की थी। केंद्र ने कहा था कि मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। ऐसे में जब तक इस बात के पुख्ता सबूत न हों कि परीक्षा का प्रश्न पत्र देश भर में लीक हुआ तब तक पूरी परीक्षा को रद्द किया जाना उचित नहीं होगा। इससे उन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने मेहनत करके परीक्षा में सफलता अर्जित की। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा की काउंसिलिंग पर पहले ही रोक लगा दी थी। काउंसिलिंग की नई तारीख की घोषणा भी अभी नहीं की गई है।
VIDEO | “The matter was heard for about two hours by the CJI bench. After hearing, the court has passed a detailed order, where all the main contentions of the petitioners who are seeking reexamination have been recorded. CBI has been directed to file a status report with the… pic.twitter.com/zipg9jJM1s
— Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2024