
नई दिल्ली। कमाल हो गया….समझ ही नहीं आ रहा है कि शुरू कहां से किया जाए और खत्म कहां से किया जाए….यकीन नहीं हो रहा है…ये वही सरकार है न जो पंजाब में चुनाव से पहले लोगों से वादा कर रही थी कि अगर सूबे में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, तो सबसे पहले पंजाब के युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने की दिशा में काम किया जाएगा। सड़क, चौराहे, गली, नुकड्ड और न जाने कहां-कहां अरविंद केजरीवाल से लेकर भगवंत मान तक गए। बड़े-बुजुर्ग बच्चों और माओं से यह वादा करके आए थे कि अगर सूबे में उनकी सरकार आई, तो सर्वप्रथम नशे के तंत्र को जमींदोज किया जाएगा। युवाओं को नशे की गिरफ्त से आजादी दिलाई जाएगी, लेकिन अब पंजाब में सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी के कर्ताधर्ताओं के वादे और दावे दोनों ही खोखले साबित हो रहे हैं। उन्होंने जाहिर कर दिया है कि उन्हें न ही सूबे की जनता से कोई सरोकार है और न ही प्रदेश के विकास से, उन्हें तो महज अपनी सियासी रोटियां सेंकने से मतलब है, जो कि अब सिंक चुकी है, लिहाजा अब उन्हें अब अगर कोई भी काम करना है, तो बहुत ही सोच समझकर करना है कि कोई पक्ष नाराज न हो जाए। और शायद पंजाब में आगामी दिनों में लाई जाने वाली नई आबाकारी नीति भी उसी का नतीजा होगा।
जी हां…बिल्कुल सही समझ रहे हैं आप….पंजाब की नई आबाकारी नीति… जल्द ही आने वाली है…अभी इस नीति की रूपरेखा को अंतिम रूप देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है…बहुत ही जल्द पंजाब की नई आबाकारी नीति प्रस्तुत की जाएगी, लेकिन इस नीति को अंतिम देने से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जनता की राय जाननी चाहिए कि आखिर उन्हें किस कीमत पर और कितनी मात्रा में शराब उपलब्ध करवाई जाए। अब इसे लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार को निशाना बनाया जा रहा है। लोग का गुस्सा पंजाब सरकार पर फूट रहा है। लोगों का कहना है कि यह तो वही सरकार थी जिसने सूबे की जनता से शराब से मुक्ति दिलाने की दिशा में कार्य करने का वादा किया था, लेकिन अब जब सत्ता मिल चुकी है, तो अब इनका दोहरा चरित्र सार्वजनिक हो रहा है। इनका दोहरा मापदंड सामने आ रहा है। बहरहाल, अपने इस कृत्य से ही सही लेकिन पंजाब की भगवंत मान सरकार ने इतना तो जरूर साफ कर दिया है कि उन्हें सूबे की जनता से कोई सरोकार नहीं है।
आपको बताते चलें कि नई आबाकारी नीति के लिए यह सुझाव आगामी 2022-23 के लिए मंगाए गए हैं। पंजाब की जनता ई-मेल या फोन के जरिए अपने सुझाव सरकार को साझा कर सकती है। बता दें कि भगवंत मान सरकार की तरफ से इस ई-मेल आईडी [email protected] पर लोगों से सुझाव देने के लिए कहा है। या नहीं तो 9875961101 इस दूरभाष नंबर पर आप अपने सुझाव साझा कर सकते हैं। बता दें कि पंजाब की मान सरकार की तरफ से आबाकारी नीति बनाने से पूर्व अन्यत्र प्रदेशों की नीतियों का भी अध्य़यन किया जा रहा है। राज्य सरकार की मंत्रिमंडल की तरफ से गठित की गई समिति अन्यत्र राज्यों की आबाकारी नीति का अध्ययन करने हेतु अन्य राज्यों का रुख कर चुकी है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विगत दिनों आबाकारी नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल को सौंपा गया था, लेकिन उसे अमलीजामा पहनाने से पूर्व उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, लेकिन अब माना जा रहा है कि इस नीति पर अमल किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह कदम लोगों की सहुलूयितों को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है। कथित तौर पर पंजाब सरकार राजस्व में बढ़ोतरी करने हेतु दिल्ली सरकार की तर्ज पर आबाकारी नीति लाने जा रही है। लेकिन अब पंजाब सरकार पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है। लोगों का कहना है कि यह यह तो वही सरकार थी जो यह कहकर सत्ता में आई थी कि प्रदेश के युवाओं को नशे की गिरफ्त से छुड़ाने के प्रयास किए जाएंगे, लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। जिससे आम आदमी पार्टी सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। अब ऐसी स्थिति में इस पूरे मसले पर आपका बतौर पाठक क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।