
नई दिल्ली। पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संसद से पास वक्फ संशोधन बिल पर दस्तखत कर दिया है। केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसके साथ ही अब वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में जंग शुरू होने वाली है। संसद से पास वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत 4 ने याचिका दी है। वक्फ संशोधन बिल को लंबी चर्चा के बाद लोकसभा ने 2 अप्रैल की देर रात और राज्यसभा ने 3 अप्रैल की देर रात पास किया था। विपक्षी दलों ने दोनों ही सदनों में इसका विरोध किया था।
नए वक्फ कानून के प्रावधानों के तहत अब वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर खुद दावा नहीं कर सकेंगे। किसी संपत्ति पर विवाद को कोर्ट में चुनौती भी दी जा सकेगी। वक्फ संपत्तियों पर लिमिटेशन एक्ट की धाराएं भी लागू होंगी। इसके अलावा 5 साल तक इस्लाम का पालन करने वाला ही वक्फ को संपत्ति दान कर सकेगा। नए वक्फ कानून के तहत आदिवासियों की जमीन वक्फ नहीं की जा सकेगी। साथ ही हर वक्फ संपत्ति को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराना जरूरी कर दिया गया है। अब वक्फ संपत्तियों का सर्वे जिले का डीएम कर सकेगा। संबंधित संपत्ति वक्फ है या नहीं, इसका फैसला राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर डीएम ही करेगा।
नए वक्फ कानून के तहत सिर्फ इस्तेमाल के आधार पर किसी संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा। यानी वक्फ बाई यूजर को नए वक्फ कानून में हटा दिया गया है। सरकारी संपत्ति और एएसआई के अधीन प्राचीन स्मारक भी वक्फ नहीं होंगे। नए वक्फ कानून की अधिसूचना 5 अप्रैल को जारी हुई है। इससे पहले जितनी भी वक्फ संपत्ति वक्फ बोर्डों के पास थी (विवादित छोड़कर) उन पर नए कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे। अब सबकी नजर इस पर है कि सुप्रीम कोर्ट नए वक्फ कानून को मंजूरी देता है या नहीं। क्योंकि इसके खिलाफ याचिका दाखिल करने वालों ने कहा है कि नया वक्फ कानून असंवैधानिक और धर्म को मानने के अधिकार का हनन करता है।