
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ आज सुबह से बड़ा अभियान छेड़ा है। जानकारी के मुताबिक एनआईए ने पीएफआई कैडर की गिरफ्तारी के लिए यूपी, मध्यप्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों के 17 जगह छापे मारे हैं। एनआईए सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी को पता चला था कि पीएफआई के छिपे हुए कारकून लगातार संगठन का काम बढ़ा रहे थे। रामपुर, दरभंगा, मोतीहारी जैसी जगहों पर खास तौर पर छापे मारे गए हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद भी उसके छिपे हुए ओवरग्राउंड वर्कर्स लगातार फंडिंग जुटाने और अन्य देशविरोधी काम में जुटे हुए थे।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ समय से पीएफआई के इन ओवरग्राउंड वर्कर्स के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। जिसके बाद छापा मारने की तैयारी की गई। अभी ये नहीं पता चला है कि छापेमारी के दौरान एनआईए ने पीएफआई से जुड़े कितने लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बारे में एनआईए की तरफ से छापे के बाद जानकारी दिए जाने की संभावना है। पीएफआई पर केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने पिछले साल प्रतिबंध लगाया था। बैन लगने के बाद बड़े पैमाने पर पीएफआई के बड़े नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
पीएफआई का एक मॉड्यूल बिहार में पकड़ा गया था। दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से 8 पेज का दस्तावेज बरामद हुआ था। इस दस्तावेज से पता चला था कि पीएफआई साल 2047 तक भारत को इस्लामी देश बनाने की दिशा में काम कर रहा था। वो अपने सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दे रहा था। देश में होने वाले चुनावों में भी पीएफआई की हिस्सेदारी करने की तैयारी थी। ताकि संवैधानिक संस्थाओं पर भी वो कब्जा जमा सके, लेकिन केंद्र के प्रतिबंध के एक्शन से पीएफआई को जोर का झटका लगा था। ताजा कार्रवाई उसकी कमर पूरी तरह तोड़ने के लिए की जा रही है।