newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

NIA Team To London: लंदन में भारत विरोधी खालिस्तान समर्थकों की खैर नहीं, मोदी सरकार ने एनआईए की टीम भेजी, होगी कार्रवाई

इससे पहले भी खालिस्तान समर्थक भारत के दूतावासों और उच्चायोगों को हिंसक निशाना बनाते रहे हैं। तब की सरकारें सिर्फ संबंधित देश की सरकारों से विरोध ही जताती थी। ऐसा पहली बार है कि भारत सरकार विदेश में बैठे इन तत्वों से एनआईए के जरिए सख्ती से निपटने जा रही है। इससे इनके हौसले पस्त करने की तैयारी है।

नई दिल्ली। बीते दिनों लंदन और अमेरिका में खालिस्तान की मांग करने वाले तत्वों ने भारत विरोधी प्रदर्शन किए थे। इस दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग और अमेरिका में भारत के वाणिज्य दूतावास पर तोड़फोड़ भी की गई थी। केंद्र की मोदी सरकार ने भारत विरोधी इन तत्वों को अब सबक सिखाने का मन बना लिया है। इसके तहत जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक 5 सदस्यीय टीम लंदन भेजी गई है। सूत्रों के मुताबिक ये टीम लंदन जाकर छानबीन करेगी कि भारतीय उच्चायोग पर प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वाले खालिस्तानी समर्थक कौन थे और भारत में इनका पता-ठिकाना क्या है।

khalistani 12
लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग पर धावा बोलकर तोड़फोड़ की थी।

माना जा रहा है कि खालिस्तान समर्थक तत्वों के भारत स्थित संपर्कों के बारे में भी एनआईए की टीम पता लगाएगी। उसके अलावा उनके भारत में रहने वाले परिजनों की जानकारी भी इकट्ठा करेगी। जांच में जो भी पता चलेगा, उसे ब्रिटिश सरकार से साझा किया जाएगा। जिसके बाद वहां की सरकार से भारत विरोधी तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी। ब्रिटेन और अमेरिका ने पहले ही कहा है कि वो किसी भी सूरत में भारत विरोधी खालिस्तान समर्थक तत्वों को समर्थन नहीं देते हैं और किसी भी उत्पाती को कानून की जद में आने से बख्शा नहीं जाएगा।

pm modi and anthony albanese
ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनिस के साथ पीएम नरेंद्र मोदी।

वहीं, ऑस्ट्रेलिया में भी कई हिंदू मंदिरों पर खालिस्तान समर्थकों ने धावा बोला था। इस पर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत के दौरे पर बीते दिनों आए ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीस से बात की थी। इसके बाद अल्बनिस सरकार ने भी ऑस्ट्रेलिया में भारत विरोधी गतिविधियां करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इससे पहले भी खालिस्तान समर्थक भारत के दूतावासों और उच्चायोगों को हिंसक निशाना बनाते रहे हैं। तब की सरकारें सिर्फ संबंधित देश की सरकारों से विरोध ही जताती थी। ऐसा पहली बार है कि भारत सरकार विदेश में बैठे इन तत्वों से एनआईए के जरिए सख्ती से निपटने जा रही है।