newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Balasore Train Accident: सीधे जाने का था सिग्नल लेकिन कोरोमंडल एक्सप्रेस कैसे दूसरी पटरी पर गई? बालासोर ट्रेन हादसे में ये सवाल अहम

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई थी। इस ट्रेन ने एक खड़ी मालगाड़ी के पीछे टक्कर मार दी। करीब 125 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के सभी 22 कोच पलट गए थे। रेल इतिहास में ये भीषण दुर्घटनाओं में शामिल हो गई है।

बालासोर। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई थी। इस ट्रेन ने एक खड़ी मालगाड़ी के पीछे टक्कर मार दी। करीब 125 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के सभी 22 कोच पलट गए थे। उसके कुछ कोच बगल से निकल रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से भी टकराए थे। इससे इस ट्रेन के दो कोच भी पटरी से उतरे थे। इस हादसे में अंतिम समाचार मिलने तक 288 यात्रियों की मौत हुई और 56 गंभीर समेत 700 से ज्यादा घायल हैं। इस मामले की जांच एक उच्चस्तरीय कमेटी को सौंपी गई है।

Balasore Train Accident

उच्चस्तरीय जांच में इस मामले का खुलासा जब होगा, तब होगा। फिर भी प्रारंभिक जांच कह रही है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन अप लाइन का सिग्नल मिला हुआ था। ट्रेन को सीधे निकलना चाहिए था, लेकिन वो मुड़कर लूप लाइन में चली गई। इस लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। वहीं, डाउन मेन लाइन पर यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस आ गई थी। जानकारों के मुताबिक जब रेल की पटरियां बदली जाती हैं, तो उसी हिसाब से सिग्नल लाल या हरा होता है। बहानागा स्टेशन के पैनल का जो वीडियो सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि कोरोमंडल और यशवंतपुर एक्सप्रेस को सीधे निकलने का सिग्नल मिला हुआ है।

bahanaga station signal panel
कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे के वक्त बहानागा स्टेशन का सिग्नल पैनल। इसमें पीली लाइन कोरोमंडल एक्सप्रेस को मिला सिग्नल बता रही है।

ऐसे में सवाल ये है कि आखिर पोर्ट और प्वॉइंट क्या ठीक नहीं थे? क्या पटरियों को आपस में मिलाने वाला यंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा था? क्या इलेक्ट्रिकल सर्किट में कुछ गड़बड़ी थी? या फिर किसी साजिश के तहत कोरोमंडल एक्सप्रेस को हादसे का शिकार बनाया गया? प्राथमिक जांच रिपोर्ट इस बारे में अभी मौन है। उसमें सिर्फ ये बताया गया है कि सिग्नल सही थे, लेकिन ट्रेन मेन की जगह लूप लाइन पर चली गई। अब सबकी नजर इस पर है कि इस भीषण हादसे की वजह का सटीक पता चले। ताकि भविष्य में इस तरह के रेल हादसे रोके जा सकें।