newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद पर अब बौद्ध मठ ने भी कर दिया बड़ा दावा, सुप्रीम कोर्ट भी कर दिया जाने का ऐलान, जानें पूरा माजरा

सुप्रीम कोर्ट के बाद मामला इलाहबाद हाईकोर्ट पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से सर्वे की वजह से तोड़फोड़ की आशंका व्यक्त करते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी, जबकि हिंदू पक्ष का कहना है कि सर्वे से मस्जिद को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचेगी। उधर, कोर्ट ने सर्वे के दौरान खुदाई करने पर भी रोक लगा दी गई है।

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मंदिर है या मस्जिद? इसे लेकर गुत्थी सुलझी भी नहीं थी कि अब बौद्ध पक्ष की तरफ से ऐसा दावा कर दिया गया है, जिसने इस विवाद की अवधि और बढ़ा दी है। दरअसल, ऑल इंडिया बौद्धिष्ठ संघ ने दावा किया है कि यह मंदिर और मस्जिद होने से पहले बौद्ध मठ था। बौद्ध संगठन ने केदरानाथ और बदरीनाथ को भी बौद्ध मठ बता दिया है। संगठन ने अब इसे सुप्रीम कोर्ट में भी ले जाने का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं, बौद्ध संगठन के प्रमुख ने कहा कि हमारे पास ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जो कि इस बात की पुष्टि करते हैं कि ज्ञानवापी में मंदिर और मस्जिद होने से पूर्व बौद्ध मठ था। बौद्ध प्रमुख ने कहा कि हमें आप विदेशी नहीं कह सकते हैं, क्योंकि हम मुस्लिम और हिंदुओं से भी पुराने हैं। हमारी परंपरा सर्वाधिक पुरानी है।

बता दें कि ज्ञानवापी मसले की सुनवाई अब आगामी 3 अगस्त होगी। फिलहाल, ज्ञानवापी के सर्वे पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, बीते दिनों वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई को सर्वे करने का निर्देश दिया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरनवाजा खटखटाया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को राहत देते हुए सर्वे पर रोक लगा।

उधर, सुप्रीम कोर्ट के बाद मामला इलाहबाद हाईकोर्ट पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से सर्वे की वजह से तोड़फोड़ की आशंका व्यक्त करते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी, जबकि हिंदू पक्ष का कहना है कि सर्वे से मस्जिद को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचेगी। उधर, कोर्ट ने सर्वे के दौरान खुदाई करने पर भी रोक लगा दी है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में कोर्ट की ओर से इस मुद्दे पर क्या कुछ फैसला लिया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।