
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार कई बड़े फैसले पहले ही ले चुकी है। अब वो एक और फैसला लेने जा रही है। हिंदू समुदाय के हित में ये बड़ा फैसला संसद के अगले सत्र में होने की उम्मीद है। सूत्रों के हवाले से हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ ने खबर दी है कि मोदी सरकार अब संरक्षित स्मारक संबंधी एक्ट में बदलाव करने वाली है। इस बदलाव के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI के अधीन उन सभी मंदिरों में पूजा की जा सकेगी, जहां फिलहाल पूजा-पाठ पर रोक है। अखबार ने लिखा है कि बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा मार्तंड सूर्य मंदिर गए थे और वहां पूजा में शामिल हुए थे। इसे एएसआई ने नियमों का उल्लंघन बताया था। इसके बाद ही मोदी सरकार ने नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है।
इस फैसले के बाद भारत के सैकड़ों संरक्षित प्राचीन मंदिरों को देखने जाने वाले हिंदू श्रद्धालु वहां पूजा भी कर सकेंगे। मंदिरों के लिए नियम बदलने के बाद वहां पुजारी भी रखे जाएंगे। बताया जा रहा है कि जिन मंदिरों में मूर्तियां नहीं हैं या खंडित अवस्था में हैं, वहां नई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा भी कराई जाएगी। मोदी सरकार का ये भी मानना है कि इससे प्राचीन मंदिरों का रखरखाव बेहतर हो सकेगा।
अभी एएसआई ही ऐसे प्राचीन मंदिरों का रखरखाव करता है। इसके लिए सरकार बजट देती है। मंदिरों को आम लोगों की पूजा के लिए खोलने से वहां लोग आएंगे, तो साफ-सफाई और उनका संरक्षण बेहतर तरीके से होगा और इस काम के लिए सरकार को धन की कमी भी नहीं रहेगी। अभी प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष एक्ट 1958 के तहत संरक्षित मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम नहीं किए जा सकते। अखबार को संस्कृति मंत्रालय के अफसर ने बताया कि जिस उद्देश्य से कानून बनाया गया था, वो पूरा नहीं हो रहा है। लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित होने की वजह से मंदिरों की हालत खराब ही हो रही है।