Mukhtar Ansari: योगी राज में माफिया मुख़्तार अंसारी की आई शामत, अब गैंगस्टर के केस में कोर्ट ने सुनाया फैसला
कोर्ट ने अंसारी को पांच साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ध्यान रहे कि वकील नरेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में बरी किए जाने के फैसले को कोर्ट हजरतगंज कोर्ट में चुनौती थी। जिसके बाद अब उपरोक्त मामले में लखनऊ हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।
नई दिल्ली। मुख्तार अंसारी को लेकर एक बड़ी खबर प्रकाश में आई है। दरअसल, लखनऊ हाईकोर्ट ने अंसारी को आज से 23 साल पुराने गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषी करार दिया है। बता दें कि कोर्ट ने अंसारी को पांच साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ध्यान रहे कि वकील नरेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में बरी किए जाने के फैसले को कोर्ट हजरतगंज कोर्ट में चुनौती थी। जिसके बाद अब उपरोक्त मामले में लखनऊ हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। ध्यान रहे कि उपरोक्त प्रकरण में उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज होने के बाद मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई है।
बता दें कि अभी दो दिन पहले ही मुख्तार अंसारी को जेलर को धमकाने के मामले में सात साल की सजा सुनाई गई थी। ध्यान रहे कि लखनऊ खंडपीठ ने दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है। अब ऐसी स्थिति में मुख्तार अंसारी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। अब ऐसी स्थिति मुख्तार अंसारी का अगला कदम क्या रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
उधर, आपको बता दें कि 2003 में मुख्तार अब्बास अंसारी जेल में बंद था। उस वक्त कुछ लोग मुख्तार से मिलने आए थे। इस बीच जेलर अवस्थी जेल में ही ड्यूटी पर तैनात थे और जब उन्हें पता लगा कि उनसे कुछ लोग मिलने आए हैं, तो उन्होंने मुख्तार से मुखातिब होने आए सभी लोगों की तलाशी के आदेश दे दिए। जिससे मुख्तार जेलर पर भड़क गया और उससे धमकाते हुए कहा कि जिस दिन तुम जेल से बाहर निकलोगे। उस दिन तुम्हें मरवा दूंगा। इतना ही नहीं, उसने जेलर पर तक भी बंदूक तान दी थी। जिसके बाद मुख्तार के खिलाफ केस दर्ज किया गया। जिस बीते दिनों कोर्ट ने उसे सात साल की सजा सुनाई है।