अमृतसर। आज ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी है। साल 1984 में इसी तारीख को भारतीय सेना ने अमृतसर के श्री हरिमंदिर साहिब में छिपे आतंकी सरगना जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके साथियों को बड़े ऑपरेशन में मार गिराया था। इस ऑपरेशन में 83 जवान भी शहीद हुए थे। ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर एक बार फिर हरिमंदिर साहिब परिसर स्थित श्री अकाल तख्त पर आपत्तिजनक नारेबाजी की घटना हुई है। अमृतसर से मिली खबरों के मुताबिक सिख यूथ फेडरेशन के कार्यकर्ताओं ने आज सुबह हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी की तरफ से हुकुमनामा पढ़ने के दौरान लगातार कई बार आपत्तिजनक नारेबाजी की।
BREAKING :
Bhindranwale posters and pro-Khalistan slogans raised at the Golden Temple in Punjab’s Amritsar on the 39th anniversary of Operation Blue Star.
(ANI) #OperationBlueStar pic.twitter.com/tXpoONGhwX
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) June 6, 2023
आज मिली खबर के मुताबिक अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जब कौम के नाम संदेश पढ़ रहे थे, उस वक्त भी उनकी बातों को न सुनते हुए नारेबाजी की जा रही थी। इस कार्यक्रम में देशविरोधी बातें करने वाले सांसद सिमरनजीत सिंह मान भी पहुंचे और उन्होंने समागम खत्म होने के बाद अपना संबोधन दिया। ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर अमृतसर और पंजाब के कई जिलों में सुरक्षा के तगड़े प्रबंध पुलिस ने किए हैं। अर्धसैनिक बलों के जवान भी तैनात किए गए हैं। वहीं, एसजीपीसी ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी है।
अमृतसर के श्री हरिमंदिर साहिब को जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके साथियों ने गढ़ बना लिया था। यहीं से 1980 के दशक में पंजाब में आतंकवाद की गतिविधियां की जाती थीं। भिंडरावाले और उसके साथियों ने पाकिस्तान की मदद से पंजाब को अलग खालिस्तान बनाने की साजिश रची थी। इसका पता चलने पर तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार को मंजूरी दी थी। इस घटना के कारण इंदिरा गांधी की उनके ही सिख सुरक्षाकर्मियों ने हत्या भी कर दी थी। बाद में पंजाब के डीजीपी केपीएस गिल ने राज्य से आतंकवाद को समूल नष्ट कर दिया। हालांकि, बीते कुछ महीनों से पंजाब में खालिस्तानी तत्व एक बार फिर सक्रिय होते दिख रहे हैं। ऐसे ही एक सरगना अमृतपाल सिंह और उसके साथियों को पंजाब पुलिस ने बीते दिनों बड़े ऑपरेशन में गिरफ्तार भी किया था।