नई दिल्ली राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने प्रवासी मजदूरों के घर जाने के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इस पत्र में ओम माथुर ने कहा है कि राज्य सरकारों के नीतिगत विरोध के कारण प्रवासी मजदूर सैकड़ों किमी पैदल जाने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में 1000 करोड़ रूपए के फंड का इस्तेमाल करते हुए प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की व्यवस्था खुद केंद्र सरकार करे।
ओम माथुर ने अपने पत्र में लिखा है कि, अगर केंद्र सरकार मजदूरों को खुद उनके घर पहुंचाती है तो टकराव की कीमत मजदूरों को नही चुकानी पड़ेगी। इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा था कि 70 सालों में पहली बार एमएमएमई को इतनी बड़ी राहत दी गयी है जो उनके उभरने में बड़ा योगदान है। ऐसे बहुत से फैसले इसमें किए गए हैं जिनसे छोटे और मध्यम दर्जे के व्यापारियों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा।
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने लॉकडाउन से देशभर में पैदा हुए हालात से उबरने के लिए 14 मई को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के दूसरे भाग का ऐलान किया। इस पैकेज में प्रवासी मजदूरों, रेहड़ी लगाने वाले गरीबों, छोटे दुकानदार और छोटे किसानों के लिए कुल 9 कदमों का ऐलान किया गया है। जिसमें मुफ्त राशन से लेकर सस्ते कर्ज तक का प्रावधान किया गया है।
राहत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे हुए ऐसे प्रवासी मजदूर जिनके पास कोई राशन कार्ड मौजूद नहीं है उन्हें अगले 2 महीने तक मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया जाएगा। इस फैसले से करीब 8 करोड़ प्रवासियों को लाभ होगा। ऐसे में अब एक देश एक राशन कार्ड की सुविधा 20 राज्यों में शुरू की गई है जिससे प्रवासी मजदूर अपने राशन कार्ड से देश के किसी भी हिस्से में सस्ता अनाज पा सकेंगे। मार्च 2021 तक ये योजना पूरे देश में लागू होगी।
इसके अलावा सरकार प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए किफायती किराये पर घर की योजना शुरू करेंगी। इसके लिए शहरों में खाली पड़े सरकारी घरों को PPP मोड में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लैक्स में बदला जाएगा।