नई दिल्ली। राम भक्तों का सदियों का इंतजार आखिरकार खत्म हो चुका है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। अगले महीने राम मंदिर में 22 जनवरी को देश के प्रमुख हस्तियों और प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। कार्यक्रम के लिए करीब 8000 गणमान्य लोगों को, राजनेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन इस निमंत्रण को लेकर भी सियासी हंगामा खूब मचा हुआ है। अभी तक विपक्षी दलों में किस किस को निमंत्रण भेजा गया है ये स्पष्ट नही है। गौर करने वाली बात ये है कि देश के कई दलों ने निमंत्रण की बात तो मानी है, लेकिन कार्यक्रम में जाने से ही इनकार कर दिया है। वहीं सपा जैसे दलों के मुताबिक अब तक उनके पास ऐसा कोई निमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन यदि ऐसा कोई निमंत्रण प्राप्त होता है तो वे अवश्य जाएंगे। और अगर नही भी उनको निमंत्रित किया गया तो वो कार्यक्रम के बाद जरुर जाएंगे।
#WATCH | Delhi: Union Minister Meenakashi Lekhi says, “…The invitations have been sent to all. Those called by lord Ram will only reach (Ayodhya, for Pran Pratishtha’ ceremony of Ram Temple) https://t.co/1YawlSfT3c pic.twitter.com/5fTgTezDgi
— ANI (@ANI) December 26, 2023
अब समाजवादी पार्टी की तरफ से इस तरह के बयान के सामने आने के बाद जाहिर सी बात है भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी कोई न कोई बयान तो आना ही था। हुआ भी ऐसा ही.. हाल ही में भाजपा की तरफ से जवाब देते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए सभी को निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि आएंगे वही जिन्हें भगवान राम ने बुलाया है।’
बता दें कि कई नेताओं ने तो निमंत्रण मिलने के बाद भी जाने से साफ़ तौर पर इनकार कर दिया है। जैसे CPM की नेता बृंदा करात ने ये कहते हुए जाने से मना कर दिया कि इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा धर्म का राजनीतिकरण कर रही है। इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने भी कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि भगवान राम मेरे दिल में हैं, इसके लिए किसी दिखावे की आवश्यकता नहीं है..