नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करीब 6 महीने बचे हैं। इससे पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इन राज्यों के विधानसभा चुनाव सेमीफाइनल जैसे हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता हासिल करने की जंग है। वहीं, तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस सरकार को हटाकर उसकी जगह लेने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच युद्ध चल रहा है। सेमीफाइनल यानी राज्यों के चुनावों का हाल जल्दी ही सामने आ जाएगा, लेकिन बात अगर लोकसभा चुनाव की करें, तो विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने 3 मुद्दे रख दिए हैं। अब सबकी नजर इस पर है कि विपक्ष के इन 3 मुद्दों की काट के लिए मोदी अपने तरकश से क्या तीर निकालते हैं?
विपक्ष का पहला मुद्दा है पुरानी पेंशन योजना। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को बीते कुछ समय से उठाना शुरू किया है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में चुनावी मुद्दे के तौर पर कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना दोबारा लागू करने का मुद्दा लेकर आई और आ रही है। पुरानी पेंशन योजना की मांग करते हुए दिल्ली में कर्मचारियों ने रविवार को रामलीला मैदान में बड़ी रैली कर अपनी ताकत दिखाई। इस रैली को तमाम विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया और पक्ष में माहौल बनाने के लिए सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार किया। बीजेपी अब तक कहती रही है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करना संभव नहीं है, लेकिन विपक्ष जिस तरह इस मुद्दे को उठा रहा है और सरकारी कर्मचारी एकजुट हो रहे हैं, उसे देखते हुए पीएम मोदी निश्चित तौर पर इसकी काट के लिए जरूर कुछ सोच रहे होंगे।
विपक्ष का दूसरा मुद्दा जातिगत जनगणना है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने आज जातिगत जनगणना का नतीजा भी घोषित कर दिया। बीजेपी विरोधी विपक्ष शासित बिहार जातिगत जनगणना कराने वाला पहला राज्य बना है। राहुल गांधी लगातार पिछड़ी जाति का मुद्दा उठा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि केंद्र में सरकार बनी, तो जातिगत जनगणना कराएंगे। तो इस बड़े मुद्दे की काट भी पीएम मोदी को खोजनी होगी। वहीं, बात करें मुफ्त की योजनाओं की, तो बीते दिनों हुए कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की 5 योजनाओं का काट बीजेपी तलाश नहीं सकी। नतीजे में कर्नाटक में उसने सरकार गंवा दी। मध्यप्रदेश में बीजेपी से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कुछ मुफ्त की योजनाओं का एलान किया है, लेकिन अभी बीजेपी इस मामले में खुलकर सामने नहीं आई है। पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही मुफ्त की रेवड़ियां बताकर मुफ्त की योजनाओं को देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर बता चुके हैं। ऐसे में सबकी नजर इस पर भी है कि विपक्ष की तरफ से मुफ्त की योजनाओं को अब पीएम मोदी अपने तरकश के किस तीर से काटते हैं।