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Rahul Gandhi: सांसदी जाने के बाद जिन विपक्षी दलों ने किया राहुल को सपोर्ट, देखिए उनके बारे में क्या बोले कांग्रेस नेता..?

Rahul Gandhi: राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद विपक्षियों के बीच कोहराम मचा हुआ है। सभी एक सुर से राहुल की सांसदी छीने जाने की निंदा की है और इसे केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया बताया है। यही नहीं, कल राहुल की सांसदी छीने जाने पर संसद भवन के बाहर भी सभी विपक्षी दलों ने मार्च किया और सरकार के इस फैसले की आलोचना की।

नई दिल्ली। सांसदी गंवाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता की और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपनी सदस्यता छीने जाने को केंद्र की मोदी सरकार की प्रतिशोधात्मक राजनीति बताया। राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार विपक्षियों की आवाज कुचलने के लिए तानाशाही रवैया अख्तियार कर चुकी है, लेकिन आपको बताना चाहता हूं कि मैं इन लोगों के आगे झुकने वाला नहीं हूं। मैं केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ लड़ता रहूंगा। प्रेसवार्ता में राहुल ने कहा कि उन्होंने संसद में मोदी सरकार से अडानी को लेकर सवाल किए थे। उन्होंने सवाल किया था कि रक्षा क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद भी आखिर क्यों सभी अनुबंध अडानी उपक्रम को दे दिए गए।

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राहुल ने कहा कि मैंने अडानी और मोदी सरकार के बीच के रिश्ते के बारे में सवाल किया था। राहुल ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी से अडानी और इनके बीच रिश्ते प्रगाढ थे और अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए कई बार लोकहित पर भी कठाराघात किया गया है, जो कि निंदनीय है। तो इस तरह से राहुल ने मुख्तलिफ मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उधर, बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल पर पलटवार किए। रविशंकर ने कहा कि वर्तमान में दोनों ही मां-बेटे (सोनिया-राहुल) भ्रष्टाचार में बेल पर हैं और राहुल की हिमाकत देखिए कि वो प्रधानमंत्री को ही भ्रष्टाचारी बता रहे हैं।

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वहीं, राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद विपक्षियों के बीच कोहराम मचा हुआ है। सभी एक सुर से राहुल की सांसदी छीने जाने की निंदा कर रहे हैं और इसे केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया बता रहे है। यही नहीं, कल राहुल की सांसदी छीने जाने पर संसद भवन के बाहर भी सभी विपक्षी दलों ने मार्च किया और सरकार के इस फैसले की आलोचना की। इस पर जब आज प्रेस कांफ्रेंस में राहुल से सवाल किया गया कि आपकी सांसदी जाने के बाद जिन विपक्षी दलों ने आपका साथ दिया, उनके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?, तो इस पर राहुल ने कहा कि,’मैं अपने उन सभी साथियों का साथ देना चाहूंगा, जिन्होंने इस पूरे मसले पर मेरा साथ दिया है। मैं उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं। राहुल ने आगे कहा कि,’यह समय है कि हम सभी आगे आकर केंद्र सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ लड़े, क्योंकि मौजूदा सरकार लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है, जिस पर अंकुश लगाने की दिशा में हम सभी विपक्षी दलों को केंद्र के खिलाफ एकजुट होना होगा’।

बता दें कि राहुल की संसद सदस्यता जाने का सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर विरोध किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी राहुल का सपोर्ट किया और केंद्र के इस फैसले की निंदा की। ध्यान रहे कि कुछ दिनों पहले ममता ने राहुल को बीजेपी की टीआरपी बताया था और कहा था कि राहुल की वजह से बीजेपी को सियासी मोर्चे पर लगातार फायदा पहुंच रहा है। उधर, आप संयोजक और सीएम केजरीवाल ने भी राहुल गांधी की सदस्यता छीने जाने की निंदा की। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव, तलिमनाडु के सीएम एमके स्टालिन सहित अन्य विपक्षी दलों ने राहुल की सदस्यता छीने की जाने की आलोचना की है और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात बताया है। इस प्रकरण ने सभी विपक्षियों को एकजुट कर दिया है। बहरहाल आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। अब ऐसे में आगामी दिनों में अपनी संसद सदस्यता बहाल करने की दिशा में क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम