अब सुषमा स्वराज भवन के नाम से जाना जाएगा प्रवासी भारतीय केंद्र
14 फरवरी को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जन्मदिन है। इस मौके पर केंद्र सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर करने का निर्णय लिया है।
नई दिल्ली। 14 फरवरी को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जन्मदिन है। इस मौके पर केंद्र सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर करने का निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अमूल्य योगदान के लिए श्रद्धांजलि देने के लिए प्रवासी भारतीय केंद्र, दिल्ली को सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान, दिल्ली को सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया गया है.
Ministry of External Affairs (MEA): In solemn tribute to the invaluable contribution of former EAM Sushma Swaraj, it has been decided to rename Pravasi Bhartiya Kendra, Delhi as Sushma Swaraj Bhawan & Foreign Service Institute, Delhi as Sushma Swaraj Institute of Foreign Service. pic.twitter.com/wOm2dHJ7UV
— ANI (@ANI) February 13, 2020
14 फरवरी को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जयंती है। इसे देखते हुए उनकी सार्वजनिक जीवन में सेवा और विरासत पर विदेश मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलने का ऐलान किया है।
Glad to announce that the Government has decided to rename Pravasi Bhartiya Kendra as Sushma Swaraj Bhawan and Foreign Service Institute as Sushma Swaraj Institute of Foreign Service.
A fitting tribute to a great public figure who continues to inspire us.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 13, 2020
विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में लिखा, हमें खुशी है कि सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र को सुषमा स्वराज भवन और विदेशी सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस के रूप में बदलने का फैसला किया है। एक महान सार्वजनिक शख्सियत जो हमें हमेशा प्रेरित करती है, उसके लिए यह उचित श्रद्धांजलि है।
सुषमा स्वराज का छह अगस्त 2019 को 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। रात को घर पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा फिर उन्हें दिल्ली के ही एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने इस दुनिया का अलविदा कहा। 2018 में ही सुषमा स्वराज ने कहा था कि वह अब चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज विदेशों में भी काफी लोकप्रिय थीं। उनके कार्यकाल के दौरान जिसने भी मदद मांगी, उसे उनकी मदद जरूर मिलती थी। चाहे वीजा को लेकर गुहार लगाई गई हो या फिर अन्य कोई मदद की दरकार।