
नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामलो को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि, 1 अक्टूबर तक चलने वाले मानसून सत्र को आज खत्म कर दिया जाएगा। बता दें कि 14 सितंबर से चल रहे मानसून सत्र को 18 दिन चलना था लेकिन सदन के सदस्यों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने सदन को स्थगित करने का फैसला किया है। संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने सदम में बताया कि, “मैं सदन के सदस्यों को सूचित करता हूं कि सरकार ने आज सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की सिफारिश का निर्णय लिया था। लेकिन लोकसभा द्वारा पारित किए गए कुछ महत्वपूर्ण विधायी व्यवसाय सदन के अनिश्चित काल स्थगन से पहले निपटाने होंगे।” इसके उलट विपक्ष की गैर-मौजूदगी में केंद्र सरकार आज लेबर कोड से जुड़े सभी बिल, FCRA संशोधन बिल, जम्मू-कश्मीर भाषा बिल और नेटिंग बिल समेत अन्य विधेयकों को पास करवा सकती है। बता दें कि सदन में विपक्षी दलों ने किसान बिलों (Farm Bills) को लेकर दोनों सदनों की कार्यवाही का बॉयकॉट किया है।
इस सत्र में राज्यसभा में पांच बिलों को पेश किए जाने के बाद यह भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होगी। वहीं मंगलवार को विपक्ष के नेताओं से हुई मुलाकात के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में सहयोग के लिए विपक्षी सांसदों का धन्यवाद किया। उन्होंने विपक्ष से आगे भी सकारात्मक सहयोग बनाए रखने की अपील की। बैठक में विपक्षी नेताओं ने कहा कि हमारी नाराजगी लोकसभा स्पीकर से नहीं है। इस बैठक में अधीर रंजन चाौधरी, कल्याण बनर्जी, टीआर बालू, सुप्रिया सूले, गौरव गोगोई, के सुरेश, सौगत राय, विजय कुमार हंसदा बैठक में मौजूद थे।
बता दें कि इसके पहले राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश के साथ विपक्षी सांसदों द्वारा बदसलूकी करने का मामला भी चर्चा में रहा। जिसके चलते राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने डेरेक ओ’ब्रायन (तृणमूल कांग्रेस), संजय सिंह (आप), राजीव साटव (कांग्रेस), के.के. रागेश (सीपीएम), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), रिपुन बोरा (कांग्रेस), डोला सेन (तृणमूल कांग्रेस) और एलामरम करीम (सीपीएम) को निलंबित कर दिया था।