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Jaishankar On Opposition: ‘देश की तरक्की से ज्यादा विपक्ष के लिए दलगत राजनीति अहम’, विदेश मंत्री जयशंकर का निशाना

विदेश सचिव पद से रिटायर होकर मोदी सरकार में विदेश मंत्री का ओहदा संभाल रहे एस. जयशंकर बहुत ही सौम्य और हंस-हंसकर अपनी बात रखने के लिए पहचाने जाते हैं, लेकिन वो शुक्रवार को बहुत नाराज दिखे। वजह ये थी कि संसद में जयशंकर बयान दे रहे थे और विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से अपनी बात नहीं रख सके।

नई दिल्ली। विदेश सचिव पद से रिटायर होकर मोदी सरकार में विदेश मंत्री का ओहदा संभाल रहे एस. जयशंकर बहुत ही सौम्य और हंस-हंसकर अपनी बात रखने के लिए पहचाने जाते हैं, लेकिन वो शुक्रवार को बहुत नाराज दिखे। वजह ये थी कि संसद में विदेश नीति पर जयशंकर बयान दे रहे थे और विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से अपनी बात नहीं रख सके। बाद में विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के बारे में तो बताया ही। विपक्ष पर भी जयशंकर ने तीखे निशाने साधे। जयशंकर ने दुख जताया कि नेताओं के विदेश दौरों से भारत को काफी कुछ हासिल हुआ, लेकिन विपक्ष ने गंभीरता से इस पर चर्चा नहीं की।

EAM Dr S Jaishankar

जयशंकर ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि दुख है कि संसद में मेरे बयान को उन्होंने लगातार बाधित किया। उनके लिए दलगत राजनीति, राष्ट्र की तरक्की से ज्यादा महत्वपूर्ण थी। जयशंकर ने गुरुवार को संसद में बयान देना चाहा था, लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में उस वक्त विपक्षी सांसद मणिपुर के मसले पर हंगामा और जोर-जोर से नारेबाजी कर रहे थे। जिसकी वजह से ये नहीं सुना जा सकता था कि विदेश मंत्री जयशंकर क्या कह रहे हैं। इसके बाद ही अब जयशंकर ने विपक्षी दलों के हंगामा करने वाले सांसदों को निशाने पर लिया है। जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति उन मुद्दों पर रहती है, जिनसे जनता का कल्याण और उनका जीवन सीधे तौर पर प्रभावित होता हो।

उन्होंने मछुआरों और संघर्ष वाले इलाकों में फंसे लोगों का उदाहरण दिया। जयशंकर ने बताया कि विदेश में छात्रों और पेशेवरों को बेहतर वीजा सुविधा दिलाने की बात हो या जेट इंजन, ड्रोन और सेमीकंडक्टर को भारत के लिए हासिल करना हो, ये नए भारत के निर्माण का वक्त है। जयशंकर ने कहा कि इन मुद्दों पर बहस के वो हकदार थे, लेकिन दुर्भाग्य से संसद में ऐसा नहीं होने दिया गया।