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Loksabha Election Bihar : हाजीपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं पशुपति पारस ने दिखाए तेवर

Loksabha Election Bihar : पशुपति बोले, जब तक बीजेपी की उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हो जाती, हम इंतजार करेंगे। उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं।

नई दिल्ली। बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान तो मान गए हैं लेकिन अब उनके चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस तेवर दिखाते हुए अपनी मांगों पर अड़ गए हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि आज हमारे संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसला किया है कि जब तक बीजेपी की उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हो जाती, हम इंतजार करेंगे। उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं। हम कहीं भी जाने को तैयार रहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वे हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हमारे पांचों सांसदों पर विचार करें।

गौरतलब है कि सूत्रों के मुताबिक एनडीए में चिराग पासवान को हाजीपुर समेत 5 सीटें देने पर सहमति बनी है। वहीं ऐसी चर्चा है कि पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट न देकर उनको राज्यपाल बनाए जाने का आफर दिया गया है। चिराग पासवान भावनात्मक आधार पर अपने पिता रामविलास पासवान की पारंपरिक सीट हाजीपुर से इस बार चुनाव लड़ना चाह रहे थे जहां से उनके चाचा पशुपति पारस सांसद हैं। सीटों की संख्या पर रार से ज्यादा हाजीपुर सीट को लेकर चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस में विवाद है। आपको बता दें कि रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद लोक जनशक्ति पार्टी दो धड़ों में बंट गई थी। चिराग खुद को रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी बताते हैं। पशुपति पारस का कहना है कि चिराग संपत्ति के उत्तराधिकारी हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर मैं ही रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी हूं। हाजीपुर दिवंगत रामविलास पासवान की कर्मभूमि और निर्वाचन क्षेत्र रहा है।