
भुवनेश्वर। सेना की अग्निवीर योजना परवान चढ़ रही है। इसके तहत 2585 अग्निवीरों का पहला बैच मंगलवार को भारतीय नौसेना में शामिल हुआ। अग्निवीरों के इस पहले बैच की पासिंग आउट परेड ओडिशा में स्थित आईएनएस चिल्का में हुई। इस पासिंग आउट परेड की सलामी खुद नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार ने ली। खास बात ये कि भारतीय नौसेना में शामिल अग्निवीरों के इस पहले बैच में सबसे उत्तम अग्निवीर का खिताब 19 साल की युवती खुशी पठानिया को मिला। खुशी पठानिया के दादा सेना में सूबेदार मेजर रहे हैं। खुशी के पिता किसान हैं। खुशी पठानिया नौसेना की एविएशन ब्रांच में शामिल होंगी।

सबसे उत्तम अग्निवीर का खिताब हासिल करने वाली खुशी पठानिया को भारत के पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत की बेटियों ने सम्मान और अपने पिता की प्रतिमा भेंट की। इस मौके पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल हरिकुमार ने अग्निवीरों को संबोधित किया। उन्होंने इस मौके को ऐतिहासिक बताया। नौसेना प्रमुख ने कहा कि सेना के तीनों अंगों के लिए अग्निवीर योजना बहुत ही बढ़िया है। उन्होंने नौसेना में शामिल सभी अग्निवीरों को देश की रक्षा के लिए सबकुछ न्योछावर करने का आह्वान किया। एडमिरल हरिकुमार ने पास आउट हुए अग्निवीरों के शानदार भविष्य की कामना भी की।
#WATCH | Indian Navy Chief Admiral R Hari Kumar reviews maiden Passing Out Parade of 2,585 Agniveers (men & women) at INS Chilka, Odisha pic.twitter.com/V9mc5lKkMg
— ANI (@ANI) March 28, 2023
सेना के तीनों अंगों में अग्निवीरों को शामिल करने का फैसला सरकार ने पिछले साल किया था। नौसेना के बाद वायुसेना और सेना में भी अग्निवीरों का पहला बैच शामिल होने वाला है। भर्ती नियमों के मुताबिक अग्निवीरों को 4 साल की नौकरी पर रखा जाएगा। उन्हें वेतन समेत सभी भत्ते मिलेंगे। 4 साल बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को ही सेना में परमानेंट किया जाएगा। बाकी अग्निवीरों को 12 लाख रुपए की एकमुश्त रकम देकर रिटायर कर दिया जाएगा। पहले इस योजना का काफी विरोध हो रहा था, लेकिन बाद में अग्निवीर बनने के लिए युवाओं ने बहुत उत्साह दिखाया।