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Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस को पोटेशियम साइनाइड बताने वाले चंद्रशेखर पर भड़के लोग, जमकर लगाई क्लास, पूछे ये तीखे सवाल

Ramcharitmanas Row: यह कोई पहली बार नहीं है कि जब उन्होंने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की हो, बल्कि इससे पहले भी वो इस तरह के विवादित बयान दे चुके हैं। बता दें कि इस साल जनवरी माह में ही उन्होंने रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला पुस्तक बताया था, जिसे लेकर चौतऱफा विवाद देखने को मिला था।

नई दिल्ली। अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर से रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करके राजनीति गरम कर दी है। उन्होंने नीतीश कुमार के नसीहत की परवाह किए बगैर यह विवादित बयान दिया है, जिसे लेकर लोगों का गुस्सा एक बार फिर से उनके खिलाफ अपने चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन इस बार उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए यहां तक कह दिया कि आखिर मेरे गर्दन की कीमत कितनी है? कोई गुरेज नहीं यह कहने में ऐसा कहकर उन्होंने धमकी देने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में उनके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले जरा ये जान लेते हैं कि आखिर उन्होंने इस बार रामचरितमानस पर ऐसा क्या कह दिया है कि राजनीतिक पारा गरम हो गया है। आइए, जानें पूरा माजरा।

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दरअसल, हिंदी दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में उन्होंने रामचरितमानस की संज्ञा पोटेशियम साइनाइड से की। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रामचरितमानस में जातिवाद की स्थिति परिलक्षित होती है, जिस पर विराम लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे इस बात पर जोर देते हुए कहा कि रामचरितमानस में जब तक पोटेशियम साइनाइड रहेगा। तब तक हम इसका विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस जातिवाद को बढ़ावा देने वाली पुस्तक है, जिसका हम विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस सहित अन्य ग्रंथों में 55 प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं, लेकिन उनमें पोटेशियम है, जिस पर मुझे आपत्ति है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले बार मेरे गर्दन की कीमत 10 करोड़ बताई गई थी। इस बार कितनी होगी?

हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है कि जब उन्होंने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की हो, बल्कि इससे पहले भी वो इस तरह के विवादित बयान दे चुके हैं। बता दें कि इस साल जनवरी माह में ही उन्होंने रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला पुस्तक बताया था, जिसे लेकर चौतऱफा विवाद देखने को मिला था। वहीं, अब चंद्रशेखर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में हम आपको सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाओं के बारे में बताते हैं।