डांसर पद्मा सुब्रहमण्यम ने पीएम मोदी को सेंगोल के बारे में बताया था।
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी रविवार यानी कल नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। इस अवसर पर ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्पीकर के आसन के पास रखा जाने वाला है। ये सेंगोल 1947 में 14 अगस्त की रात 10.45 बजे तमिलनाडु के अधीनम ने पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था। सेंगोल को लेकर सियासत भी काफी गरमाई हुई है। इन सबके बीच सबसे पहले पीएम मोदी को इस ऐतिहासिक सेंगोल की जानकारी सबसे पहले देने वाली भरतनाट्यम डांसर डॉ. पद्मा सुब्रहमण्यम ने टाइम्स नाउ न्यूज चैनल से बात की। उन्होंने अपने खास इंटरव्यू में कहा कि देशवासियों को इस सेंगोल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के बारे में बताना चाहिए।
डांसर पद्मा सुब्रहमण्यम ने दुख जताया कि सेंगोल के बारे में पाठ्यपुस्तकों में भी कुछ नहीं लिखा गया है। विपक्षी दलों की तरफ से नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के बारे में पूछे गए सवाल पर पद्मा सुब्रहमण्यम का कहना है कि ये समारोह बहुत अहम है और सभी को इसमें हिस्सा लेना चाहिए। ये पूछे जाने पर कि क्या भारत के राजनीतिक दलों ने सेंगोल पर ध्यान नहीं दिया और उसे भुला दिया, पद्मा सुब्रहमण्यम ने कहा कि जो गलती हो गई, उसे अब भूल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें फिर से नई शुरुआत करने की जरूरत है।
Parliament To Host India’s Pride
“Such an important object (Sengol) is not even mentioned in our textbooks… people should know its historical, spiritual significance,” Dr. Padma Subrahmanyam speaks to @RShivshankar
Watch this #exclusive interaction on #ConverseIndia @ 8:20 PM pic.twitter.com/pXVHHFZ91z
— TIMES NOW (@TimesNow) May 27, 2023
जिस सेंगोल को पीएम मोदी नए संसद भवन में स्थापित करने वाले हैं, उसके बारे में तमिलनाडु के अधीनम का दावा है कि आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने उन्हें इसे बनाने को कहा था। चांदी से बने और सोने के पत्तर से सजे सेंगोल को अधीनम के पुरोहित पहले तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन के पास ले गए। जिन्होंने फिर उसे उनको सौंपा। जिसके बाद पवित्र जल से शुद्ध करने के बाद इसे जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया। उसके बाद ये सेंगोल इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में आनंद भवन संग्रहालय भेज दिया गया। जहां इसे नेहरू की सुनहरी छड़ी के तौर पर दिखाया जाता रहा था।