नई दिल्ली। ‘गरीबी ही एकमात्र जाति है। इनकी सेवा पर ध्यान दीजिए। अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को बताइए कि केंद्र सरकार ने पिछले 9 साल में उनके कल्याण के लिए क्या काम किया है। जनता को खुद से जोड़ने के लिए कॉल सेंटर तैयार कीजिए। सोशल मीडिया पर प्रोफेशनल्स को रखकर अपने वोटरों तक सरकार की बात पहुंचाइए।’ ये सारे मंत्र पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एनडीए और बीजेपी के 48 सांसदों के दल से कहे। पीएम मोदी इससे पहले भी बीजेपी और एनडीए के सांसदों से एक बैठक कर चुके हैं। इस तरह की कुल 10 बैठक होनी है।
पीएम नरेंद्र मोदी से जिन सांसदों ने बुधवार शाम मुलाकात की, उनमें पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश से चुने गए नेता थे। इनके बाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी और अंडमान-निकोबार के सांसदों ने पीएम मोदी से अगले लोकसभा चुनाव में जीत के लिए मंत्र हासिल किया। यूपी के सांसदों का नेतृत्व महहेंद्र नाथ पांडेय कर रहे थे। उनके साथ अपना दल सोनेलाल की नेता और केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल भी थीं। बैठक में मोदी ने तय कर दिया कि बीजेपी अब जाति-पाति के आधार पर चुनाव लड़ने पर भरोसा नहीं करती। जाति व्यवस्था को तोड़ना ही उसका मकसद है। इसी वजह से मोदी ने सांसदों से कहा कि गरीबी सबसे बड़ी जाति है।
मोदी के साथ सांसदों की बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह भी थे। सूत्रों के मुताबिक मोदी ने बैठक में कहा कि विपक्ष की तरफ से फैलाए जा रहे झूठ को जनता के सामने लाना जरूरी है। उन्होंने बीजेपी और एनडीए के सभी सांसदों से कहा कि आप क्षेत्र में रहिए और जनता से जुड़िए। मोदी ने कहा कि राम मंदिर देने का वादा हमारी विचारधारा का अंग रहा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि महज राम मंदिर के नाम पर जीत हासिल नहीं हो सकती। सूत्रों के अनुसार मोदी ने सांसदों से अपने क्षेत्र में कोई नया प्रोजेक्ट अभी न शुरू कराकर पुराने प्रोजेक्ट पूरे कराने को कहा। ताकि जनता देख सके कि सरकार जो कहती है, वो करती भी है।