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International awards received by PM Modi: मिस्र ही नहीं, बल्कि इन मुस्लिम देशों में भी PM मोदी किया जा चुका है सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित

PM Modi: इस मस्जिद का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। यह मिस्र की प्रमुख ऐतिहासिक व पर्यटक स्थलों में से एक है।  इस दौरान पीएम मोदी ने दाउदी बोहरा समुदाय से भी मुलाकात की। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति अब्देल अल फतह सिसी से भी मुलाकात की।

नई दिल्ली। किसी भी देश के विकास में  विदेशी नीति की भूमिका सारगर्भित होती है। अगर किसी देश की विदेश नीति कमजोर होगी तो उस देश के विकास का इंजन अपने आप ठप हो जाएगा। इस दिशा में पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में अप्रतिम भूमिका निभाई है। उन्होंने उन सभी देशों से संबंध प्रगाढ़ किए हैं, जिनके बारे में कभी आम भारतीय अवगत भी नहीं थे। उदाहरण के लिए पापुआ न्यू गिनी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर जाने से पहले अधिकांश भारतीय इस देश के नाम से भी परिचित नहीं थे, लेकिन जब प्रधानमंत्री ने इस देश की यात्रा करने का ऐलान किया, तो लोगों अचंभित हो गए। सभी के जेहन में यही ख्याल आया कि क्या इस नाम का भी कोई देश दुनिया के मानचित्र पर है, लेकिन प्रधानमंत्री ने ना महज इस नाम के देश को मानचित्र से ढूंढ निकाला, बल्कि उसके साथ अपने संबंध भी प्रगाढ़ किए।

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प्रधानमंत्री लगातार मुख्लिफ देशों का दौरा कर रहे हैं, जिससे भारत को विदेश नीति के मोर्चे पर खासा फायदा हो रहा है। बीते दिनों पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यू पापुआ गिनी के दौरे पर गए थे। वहीं, अभी पीएम मोदी के मिस्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आज उनके दौरे का दूसरा दिन है। बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी तीन दिवसीय दौरे के तहत अमेरिका गए थे। जहां उनके सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी गई थी और इसके अलावा उन्हें अमेरिकी कांग्रेस में संबोधन देने का मौका भी मिला था, जो कि यकीनन हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। वहीं, अब पीएम मोदी मिस्र के दौरे पर हैं। इस दौरे के दौरान उन्होंने मिस्र की राजधानी काहिरा स्थित अल हकीम मस्जिद का दौरा भी किया।

इस मस्जिद का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। यह मिस्र की प्रमुख ऐतिहासिक व पर्यटक स्थलों में से एक है। इस दौरान पीएम मोदी ने दाउदी बोहरा समुदाय से भी मुलाकात की। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति अब्देल अल फतह सिसी से भी मुलाकात की। दोनों राष्ट्रध्यक्षों के बीच कई मुद्दों पर समझौते हुए जिन्हें जल्द ही जमीन पर उतारने की कवायद शुरू की जाएगी। इस बीच पीएम मोदी ने काहिरा में मौजूद बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय से मुलाकात की। इस बीच एक मिस्री लड़की की खूब चर्चा हुई, जिसने पीएम मोदी को बॉलीवुड का गाना सुनाया था। इस गाने को सुनने के बाद प्रधानमंत्री मंत्रमुग्ध हो गए।

वहीं, इस खास अवसर पर पीएम मोदी को मिस्र के सर्वोच्च सम्मानित पुरस्कार ऑर्डर ऑफ द नाइल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह मिस्र के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है। ध्यान दें कि पीएम मोदी को इस पुरस्कार से सम्मनित किए जाने के बाद उन सभी लोगों को तगड़ा झटका लगा है, जो कि पीएम मोदी को मुस्लिम विरोधी का तमगा पहनाने से गुरेज नहीं करते हैं।  हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब किसी विदेशी धरा पर भारतीय प्रधानमंत्री को इस तरह के सर्वोच्च सम्मान से पुरस्कृत किया गया हो, बल्कि इससे पहले भी उन्हें इस तरह के कई सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 9 देश पीएम मोदी को इस तरह के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं। इससे पहले पीएम मोदो को 2016 में अफगानिस्तान में ‘अब्दुलअज़ीज़ अल सॉद’ से सम्मानित किया गया था। वहींं, 2016 में ही पीएम मोदी को ‘अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। यह अफगानिस्तान का सर्वोच्च समान है। इसके अलावा साल 2019 में पीएम मोदी को फिलिस्तीन में ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

वहीं, साल 2019 में ही पीएम मोदी को संयुक्त अरब अमीरात में ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था। इसके अलावा रूस में पीएम मोदी को साल 2019 में ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू’ पुरस्कार से पुरस्कृत किया था। 2019 में ही पीएम मोदी को मालदीव में ‘निशान इज्जुद्दीन’ से सम्मानित किया गया था।

वहीं, बहरीन में पीएम मोदी को बहरीन भी 2019 में ‘किंग हमाद ऑर्डर ऑफ दि रेनेसां’ से सम्मानित किया गया था।  इसके अलावा 2020 में अमेरिकी सरकार ने ‘लीजन ऑफ मेरिट’ से पुरस्कृत किया गया था। वहीं, भूटान ने साल 2021 में मोदी को सर्वोच्च नागरिक अलंकरण ‘ऑर्डर ऑफ दि ड्रक गियल्पो’ से सम्मानित किया गया था। ध्यान दें कि यह सभी पुरस्कार पीएम मोदी को मुस्लिम देशों की ओर से दिए गए। ऐसे में यह उन सभी लोगों के लिए भी बड़ा झटका है, जो कि पीएम मोदी को मुस्लिम विरोधी बताने से गुरेज नहीं करते हैं।