newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

G-7 Summit 2023: जेलेंस्की से मिले पीएम मोदी, तो कह दी ये दिल छू देने वाली बात, आप भी हो जाएंगे प्रधानमंत्री के मुरीद

G-7 Summit 2023: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत का मौन समर्थन रूस को प्राप्त है। ऐसी सूरत में सभी के जेहन में यही जानने की आतुरता रही कि भारत किसी मुल्क का सपोर्ट करता है। हालांकि, अभी तक भारत की ओर से इस पर कोई बयान नहीं दिया गया कि भारत दोनों युद्धग्रस्त देशों में से किसका समर्थन करता है।

नई दिल्ली। जी-7 सम्मेलन में शिरकत करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जापान के हिरोशिमा पहंचे। जहां उन्होंने युद्धग्रस्त देश यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी की जेलेंस्की से यह पहली मुलाकात थी। हालांकि, इससे पहले दोनों राष्ट्रध्यक्षों के बीच फोन पर कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन यह पहली बार है कि जब दोनों के बीच आमने- सामने मुलाकात हुई। इस बीच पीएम मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडन से भी मुलाकात हुई। दोनों ही राष्ट्रध्यक्षों के बीच उस वक्त एक अप्रीतम आत्मीयता देखने को मिली जब बायडन खुद आकर पीएम मोदी से मिले और उन्हें गले लगाया। इससे पहले कुछ ही ऐसी ही आत्मीयता भारतीय प्रधानमंत्री की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी देखने को मिल चुकी है और आज जी 7 समिट के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जब पीएम मोदी की बायडन से मुलाकात हुई। वहीं, इस बीच जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा। आइए, आगे आपको इस रिपोर्ट में विस्तार से बताते हैं।

जानें क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा कि युद्ध की विभीषिका और ज्ञासदी क्या होती है। यह आपसे भला और कौन जान सकता है, लेकिन इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि युद्ध से आज तक किसी का भी कोई भला नहीं हो पाया है। युद्ध हर युग में आम जनमानस को तकलीफ ही देता है। पीएम मोदी ने आगे अपने बयान में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध महज आपके लिए नहीं , बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ा मसला है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत युद्ध पर विराम लगाने की दिशा में जो कुछ भी कर सकता है, करेगा। आखिर युद्ध की पीड़ा क्या होती है, ये आप भलीभांति समझते हैं। ध्यान रहे कि इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है, बल्कि बौद्ध का युग है। युद्ध में किसी का भी हित निहित नहीं है। वहीं, रूस भारत का मित्र है, तो ऐसी सूरत में सभी के जेहन में यही जानने की आतुरता रही कि आखिर भारत किसका पक्ष लेता है। रूस या यूक्रेन का। लेकिन आपको बता दें कि दोनों ही देशों को युद्ध की विभीषिका झेले एक वर्ष से भी अधिक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक भारत ने स्पष्ट रूप से ना ही किसी देश का समर्थन किया है और ना ही विरोध किया है।

वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत का मौन समर्थन रूस को प्राप्त है। ऐसी सूरत में सभी के जेहन में यही जानने की आतुरता रही कि भारत किसी मुल्क का सपोर्ट करता है। हालांकि, अभी तक भारत की ओर से इस पर कोई बयान नहीं दिया गया कि भारत दोनों युद्धग्रस्त देशों में से किसका समर्थन करता है। हालांकि, कई यूक्रेन भारत से मदद की अपील कर चुका है। उधर, रूस भी भारत का सदाबहार मित्र है , जिसे ध्यान में रखते हुए किसी भी परिस्थिति पर पुहुंच पाना किसी भी देश के लिए मुश्किल है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में भारत की ओर से इस दिशा में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए । न्यूज रूम पोस्ट.कॉम