
चंडीगढ़। 1947 में एक तरफ देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिल रही थी, एक तरफ पंजाब के एक गांव बादल में एक युवा सरपंच चुना जाता है। उस युवा सरपंच का नाम था। प्रकाश सिंह, ये वही प्रकाश सिंह हैं जिनको आज पूरा देश प्रकाश सिंह बादल के नाम से जनता है। वही प्रकाश सिंह बादल जो पंजाब जैसे समृद्ध राज्य में राजनीतिक रूप से शुरुआत से ही सक्रिय रहे, मुख्यमंत्री के पद पर रहे, फिर जिन्होंने हरियाणा के विभाजन को भी देखा। वो प्रकाश सिंह बादल अब इस दुनिया में नहीं रहे। 95 साल की उम्र में उन्होंने मोहाली के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। प्रकाश सिंह बादल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पैर छूकर सम्मान दिया करते थे।
आज जब उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके शव को चंडीगढ़ स्थित अकाली दल के कार्यालय में रखा गया तो पीएम मोदी भी श्रद्धांजलि देने चंडीगढ़ पहुंचे। अश्रुपूर्ण और भावुक पीएम मोदी ने सिर को झुकाकर देश की सियासत में सबसे बुजुर्ग नेता रहे प्रकाश सिंह बादल को श्रध्दा सुमन अर्पित किए। जानकारी के अनुसार अब प्रकाश सिंह बादल के शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव ले जाया गया है।
#WATCH | PM Narendra Modi pays last respects to Shiromani Akali Dal patron Parkash Singh Badal in Chandigarh pic.twitter.com/gIrJYHHt6h
— ANI (@ANI) April 26, 2023
गौर करने वाली बात ये है कि गांव के श्मशान घाट में जगह कम है जिसके चलते उनके खेत में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रकाश सिंह बादल 95 वर्ष के थे। 76 साल से वो राजनीति में सक्रिय भूमिका में रहे। कुछ दिन पहले उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो परिवार ने उन्हें 16 अप्रैल को मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। जहां 25 अप्रैल को आख़िरकार देर शाम उनकी मौत हो गई। प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री का पद 5 बार संभाला था।