
नई दिल्ली। रिश्वत लेकर वोट और भाषण देने पर सांसद और विधायकों को मुकदमे का सामना करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस अहम फैसले का पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया है। मोदी ने एक्स पर अपने पोस्ट में इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही ये भी लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला साफ-सुथरी राजनीति को सुनिश्चित करने और लोगों में व्यवस्था के प्रति भरोसा गहरा करने का काम करेगा।
SWAGATAM!
A great judgment by the Hon’ble Supreme Court which will ensure clean politics and deepen people’s faith in the system.https://t.co/GqfP3PMxqz
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2024
सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने अपने 1998 के फैसले को पलटते हुए रिश्वत लेकर सदन में वोट या बयान देने को अपराध की श्रेणी में रखने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने नरसिंह राव मामले में अपने पुराने फैसले को पलट दिया। हालांकि, कोर्ट ने ये कहा है कि संसद और विधानसभाओं में माननीय सांसद और विधायक कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन रिश्वत लेकर अगर बोले या वोट दिया, तो उनको कानून का सामना करना ही होगा। इस फैसले को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में संविधान पीठ के जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एएमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा ने सुनाया।
झारखंड की विधायक सीता सोरेन पर साल 2012 में राज्यसभा चुनाव के दौरान रिश्वत लेकर वोट देने का आरोप लगा था। सीता सोरेन ने अपने बचाव में कहा था कि उनको सदन में कुछ भी कहने या किसी को वोट देने का अधिकार है और इसका विशेषाधिकार संविधान के तहत हासिल है। ऐसे में उनपर केस नहीं चलाया जा सकता। सीता सोरेन ने खुद के खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने की अपील की थी। वहीं, केंद्र सरकार ने कोर्ट में वोट के बदले रिश्वत मामले में विशेषाधिकार का विरोध किया था। सरकार ने कहा था कि कभी भी मुकदमे से छूट का विषय रिश्वत लेना नहीं हो सकता। केंद्र का कहना था कि संसदीय विशेषाधिकार का अर्थ किसी सांसद या विधायक को कानून से ऊपर रखना नहीं है।