नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य व पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे। गुर्दा रोग से पीड़ित अमर सिंह का सिंगापुर में इलाज चल रहा था। आखिरकार शनिवार को जिंदगी की जंग वह हार गए।
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर सिंह के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, वह काफी ऊर्जावान नेता थे और उन्होंने पिछले कुछ दशकों में देश की राजनीति के अहम उतार-चढ़ाव काफी करीब से देखे थे। वो अपने जीवन में दोस्ती के लिए जाने जाते रहे हैं। उनके निधन की खबर सुनने से दुखी हूं। उनके परिवारजनों और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
Amar Singh Ji was an energetic public figure. In the last few decades, he witnessed some of the major political developments from close quarters. He was known for his friendships across many spheres of life. Saddened by his demise. Condolences to his friends & family. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2020
वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘अपनी विशिष्ट कार्यशैली से भारतीय राजनीति पर अमिट प्रभाव डालने वाले मृदुभाषी राजनेता, सांसद श्री अमर सिंह जी का निधन दुःखद है। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें, ऊं शांति।’
अपनी विशिष्ट कार्यशैली से भारतीय राजनीति पर अमिट प्रभाव डालने वाले मृदुभाषी राजनेता, सांसद श्री अमर सिंह जी का निधन दुःखद है।
उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएँ।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 1, 2020
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, ‘श्री अमर सिंह जी के स्नेह-सान्निध्य से वंचित होने पर भावपूर्ण संवेदना एवं श्रद्धांजलि।’
श्री अमर सिंह जी के स्नेह-सान्निध्य से वंचित होने पर भावपूर्ण संवेदना एवं श्रद्धांजलि. pic.twitter.com/YwNmeLk1Bk
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 1, 2020
अमर सिंह को अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बीच तकरार के बाद साल 2017 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उनके साथ ऐसा पहले भी हो चुका था। फिर भी वह राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। खबरों के मुताबिक, अमर सिंह की दूसरी किडनी का सफल प्रत्यारोपण हुआ था। लेकिन पेट में हुए संक्रमण को वह नहीं झेल सके।