newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

No Confidence Motion: PM मोदी का अधीर रंजन पर तंज, कहा-गुड़ का गोबर करने में ये माहिर

No Confidence Motion: पीएम मोदी के इस बयान के बाद सदन में सभी सांसद जोर-जोर से ठहाका मारने लगे। उन्होंने कहा आखिर आपकी मजबूरी क्या है क्यों अधीर रंजन को दरकिरनार कर दिया गया। पता नहीं कोलकाता से किसी का फोन आया हो।

नई दिल्ली। संसद में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का आज आखिरी और तीसरा दिन है।   विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। पीएम मोदी विपक्षी सांसदों को हर एक सवालों का जवाब दिया। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”देश की जनता ने हमारी सरकार पर बार-बार भरोसा जताया है और मैं देश की करोड़ों जनता के प्रति अपना आभार जताने के लिए यहां आया हूं। एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ होता है। आज मैं देख रहा हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि NDA और BJP 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर भव्य विजय के साथ जनता के आशीर्वाद से  वापस आएगी।”

इस दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा ने विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी पर जमकर चुटकी ली। उन्होंने कहा, इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ चीजें ऐसी विचित्र नजर आई। जो ना कभी देखा और सुना है ना कल्पना की है। सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम नहीं था। 1999 में बाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। शरद पवार उस वक्त नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने डिबेट नेतृत्व किया। 2003 में अटल जी की सरकार थी। सोनिया गांधी विपक्षी की नेता थी। उन्होंने लीड ली और अविश्वास प्रस्ताव रखा। 2018 में खड़गे विपक्ष के नेता थे उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव रखा। लेकिन इस बार अधीर बाबू का क्या हाल हो गया। उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। ये तो कल अमित शाह ने अधीर रंजन को समय दिया। लेकिन गुड़ का गोबर कैसा करना उसमें ये माहिर हैं।

पीएम मोदी के इस बयान के बाद सदन में सभी सांसद जोर-जोर से ठहाका मारने लगे। उन्होंने कहा आखिर आपकी मजबूरी क्या है क्यों अधीर रंजन को दरकिरनार कर दिया गया। पता नहीं कोलकाता से किसी का फोन आया हो। कांग्रेस उनका बार-बार अपमान करती है। कभी चुनावों के नाम पर अस्थाई रूप से फ्लोर लीडर से हटा देते है। हम उनके प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते है।

बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब मोदी सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया हो। इससे पहले विपक्ष द्वारा साल 2018 भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला चुके है।