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Modi On China: 21-22 मार्च को पड़ोसी देश भूटान का पीएम मोदी करेंगे दौरा, चीन को इससे मिलेगा ये सख्त संदेश

Modi On China: पीएम मोदी पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश गए थे और वहां सेला टनल का उद्घाटन किया था। मोदी के इस अरुणाचल दौरे से चीन बौखलाया। अब पीएम मोदी अपने अगले कदम से विस्तारवादी नीति अपनाने वाले चीन को फिर एक बार सख्त संदेश देने जा रहे हैं।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी संकेतों में भारत की बात कई बार विभिन्न प्लेटफॉर्म पर रख चुके हैं। इस बार उनका संकेत चीन के लिए सख्त संदेश की तरह होने जा रहा है। पीएम मोदी पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश गए थे और वहां सेला टनल का उद्घाटन किया था। मोदी के इस अरुणाचल दौरे से चीन बौखलाया। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश पर चीन अपना हक जताता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत हमेशा कहता है कि अरुणाचल प्रदेश हमारे देश का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। बहरहाल, अब पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर चीन को संकेत देने वाले हैं। चीन को पीएम मोदी ये संकेत देंगे कि भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूती से खड़ा है।

भूटान के पीएम शेरिंग टोबगे के साथ पीएम नरेंद्र मोदी।

चीन को भारत की तरफ से ये संकेत पीएम मोदी की भूटान यात्रा के जरिए दी जाएगी। पीएम मोदी 21 और 22 मार्च को पड़ोसी देश भूटान के दो दिन के दौरे पर जा रहे हैं। भूटान के नए पीएम शेरिंग टोबगे इस वक्त भारत यात्रा पर हैं। पिछले दिनों जब शेरिंग टोबगे ने पीएम मोदी से मुलाकात की, तो उन्होंने मोदी को भूटान की यात्रा का न्योता दिया। पीएम मोदी ने तत्काल कहा कि वो 21 और 22 मार्च को भूटान जाएंगे। भारत और भूटान के बीच संबंध बहुत पुराने हैं और भूटान के साथ हमेशा भारत मजबूती से खड़ा रहा है।

भूटान के राजा जिग्मे खेसर के साथ पीएम नरेंद्र मोदी।

वहीं, चीन लगातार भूटान के कुछ इलाके कब्जे में करने के लिए दबाव की राजनीति करता है। भारत और भूटान के बीच सुरक्षा समझौता भी है। इसके तहत भारत हमेशा भूटान की रक्षा करने का वचन निभाता है। डोकलाम में जब चीन ने कब्जा करने की कोशिश की थी, उस वक्त भी भारतीय सेना ढाल बनकर खड़ी हो गई थी। नतीजे में चीन को कदम पीछे खींचने पड़े थे। खास बात ये है कि पीएम मोदी 2014 में पीएम बनने के बाद पहली विदेश यात्रा में भूटान गए थे। साल 2019 में भी मोदी ने भूटान की यात्रा की थी।