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Kartavya Path: आज शाम मिट जाएगा गुलामी का एक और प्रतीक, PM मोदी कर्तव्यपथ और नेताजी की प्रतिमा का करेंगे उद्घाटन

इस साल 15 अगस्त को लालकिले से अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा था कि देश में गुलामी से संबंधित सभी चिन्ह मिटा देने चाहिए। इसके बाद ही नौसेना के ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉस भी हटा दिया गया था। अब उन्होंने राजपथ का नाम भी बदलकर इसे सरकार और लोगों के कर्तव्यों के साथ जोड़ा है।

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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे कर्तव्यपथ का उद्घाटन करेंगे। इसे पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था। नई दिल्ली नगर पालिका NDMC की कल हुई बैठक में राजपथ की जगह इसे कर्तव्यपथ का नाम दिया गया। मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्टा के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक इस सड़क को नए रंग-रूप में तैयार कराया है। यहां नए शानदार हरी घास के पार्क, अंडरपास, शौचालय, स्थायी वेंडिंग जोन और कार पार्किंग तैयार की गई है। पूरी सड़क के दोनों किनारों पर नई लाइटिंग और गुलाबी बलुआ पत्थर लगाए गए हैं। पार्कों में घास पर लोगों को चलने से रोकने के लिए वहां भी पत्थर से पाथवे बनाए गए हैं।

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कर्तव्यपथ के साथ ही पीएम मोदी इंडिया गेट के पास अब तक खाली पड़ी छतरी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का उद्घाटन भी करेंगे। नेताजी की जयंती पर अब तक होलोग्राफिक तकनीक के जरिए यहां शाम को उनकी प्रतिमा का प्रोजेक्शन होता था। अब नेताजी की प्रतिमा हर वक्त लोगों को दिखती रहेगी। पहले यहां ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी थी। आजादी के बाद उस मूर्ति को हटा दिया गया था। बता दें कि जब अंग्रेजों ने नई दिल्ली को राजधानी बनाया था, तो साल 1911 में किंग जॉर्ज पंचम अपनी पत्नी के साथ भारत आए थे। उनका स्वागत दिल्ली के किंग्सवे कैंप में भव्य तरीके से किया गया था।

netaji subhash chandra bose statue

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने मीडिया को बताया कि उस वक्त राजपथ का नाम किंग्सवे रखा गया था। जबकि, मौजूदा जनपथ का नाम क्वींसवे था। आजादी के बाद क्वींसवे का नाम तो सरकार ने बदलकर जनपथ कर दिया, लेकिन किंग्सवे को राजपथ नाम दिया गया। मीनाक्षी लेखी ने बताया कि आजाद भारत में जब लोकतंत्र का माध्यम हमने चुना, तो हम सबकी प्रेरणा अधिकार की जगह कर्तव्य हो गया। इसलिए भी राजपथ का नाम बदला जाना जरूरी था। बता दें कि इस साल 15 अगस्त को लालकिले से अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा था कि देश में गुलामी से संबंधित सभी चिन्ह मिटा देने चाहिए। इसके बाद ही नौसेना के ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉस भी हटा दिया गया था।

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