नई दिल्ली। कोरोना से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। देश की बड़ी आबादी लगातार इसकी चपेट में आ रही है। देशभर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई है। दूसरी तरफ पूरे देश में कोरोना टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है। वहीं ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत से पूरा देश लड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी ने हालात से निपटने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। पीएम मोदी लगातार ऐसे हालात से निपटने के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा कर रहे हैं और अधिकारियों और अन्य सभी को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। पिछले साल पश्चिमी देशों से आनेवाले कोरोना के आंकड़े जिस तरह से डरा रहे थे वैसे ही अब इस दूसरी लहर में भारत से आनेवाले आंकड़े डरा रहे हैं।
ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है। बैठक में फैसला लिया गया कि ऑक्सीजन और ऑक्सीजन संबंधी उपकरणों पर से मूल उत्पाद शुल्क और स्वास्थ्य उपकर हटाया जाएगा। केंद्र सरकार ने कोविड-19 टीकों के आयात पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला लिया है। कोविड मरीजों के इलाज में उपयोग होनेवाले 16 उपकरणों के आयात पर लगने वाले कस्टम शुल्क को सरकार ने माफ करने का निर्णय किया। केंद्र सरकार की तरफ से लिया गया यह निर्णय अगले तीन महीने तक प्रभावी रहेगा।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने देश में चिकित्सा के लिए उपयोग किए जानेवाले ऑक्सीजन की सप्लाई और अस्पतालों व घरों दोनों में मरीज की देखभाल के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरण बढ़ाने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया। सरकार की तरफ से कस्टम ड्यूटी को फ्री करने के लिए एक नोडल ऑफिसर की भी नियुक्ति की गई है जो इस सारे मामले पर अपनी निगरानी करेंगे।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश को ऑक्सीजन संकट से देश को उबारने के लिए सभी मंत्रालयों से मिलकर काम करने पर जोर दिया है। पीएम मोदी के साथ हुई बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने कस्टम्स के ज्वाइंट सेक्रेटरी गौरव को ऑक्सीजन से जुड़े सभी उपकरणों के आयात पर कस्टम से छूट क्लियरेंस के लिए नोडल अफसर नियुक्त किया है।