
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के नए पीएम कीर स्टार्मर को फोन कर बधाई दी। इसके साथ ही मोदी ने स्टार्मर को भारत आने का न्योता भी दिया। इस दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने मजबूत आर्थिक संबंधों के साथ रणनीतिक साझेदारी को भी पहले से ज्यादा करने की प्रतिद्धता जताई। पीएम मोदी ने खुद सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा कि कीर स्टार्मर से बात करके खुशी हुई। उन्हें ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी। हम अपने लोगों की प्रगति और समृद्धि तथा वैश्विक भलाई के लिए व्यापक रणनीतिक साझेदारी और भारत तथा ब्रिटेन के मजबूत आर्थिक संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Pleased to speak with @Keir_Starmer. Congratulated him on being elected as the Prime Minister of the UK. We remain committed to deepening Comprehensive Strategic Partnership and robust 🇮🇳-🇬🇧 economic ties for the progress and prosperity of our peoples and global good.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2024
वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी से फोन पर बात की और जल्द ही मुलाकात की उम्मीद जताई। विदेश मंत्री ने भी सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी से बात करके खुशी हुई। हमने अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
Delighted to speak to UK Foreign Secretary @DavidLammy.
We reaffirmed our commitment to enhance our Comprehensive Strategic Partnership. Look forward to an early in-person meeting. 🇮🇳 🇬🇧
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 6, 2024
आपको बता दें कि इससे पहले कल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीर स्टार्मर को चुनाव जीतने पर बधाई दी थी। इसके साथ ही मोदी ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को यूके के सराहनीय नेतृत्व और अपने कार्यकाल के दौरान भारत और यूके के बीच संबंधों को मजबूत करने में सक्रिय योगदान के लिए धन्यवाद देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी थीं। गौरतलब है कि ब्रिटेन में 14 साल बाद लेबर पार्टी ने सत्ता में वापसी की है। इससे पहले वहां लगातार कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार रही। ऐसा माना जा रहा है कि ब्रिटेन में रहने वाले भारतवंशी लोगों की नाराज़गी के चलते ऋषि सुनक को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। वीजा नियमों में सख्ती के चलते लोग उनसे खुश नहीं थे। इसके अलावा बेतहाशा महंगाई के कारण भी सुनक को जनता का विरोध झेलना पड़ा।