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भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले को पीएम मोदी ने कुछ इस अंदाज में दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।”
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।”
सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2020
कांग्रेस पार्टी ने सावित्रीबाई फुले को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अथक परिश्रम किया और अपना जीवन लिंग और जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया। कांग्रेस ने ट्वीट किया, “सावित्रीबाई फुले भारत में पहली महिला शिक्षक थीं और उन्हें देश में नारीवाद की जननी के रूप में भी जाना जाता है .. राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।”
Savitribai Phule was the first female teacher in India and is also known as the mother of feminism in the country. She tirelessly worked and dedicated her life to abolishing gender & caste-based discrimination. Her contributions to the nation shall never be forgotten. pic.twitter.com/FteBYLKw73
— Congress (@INCIndia) January 3, 2020
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी ने भी 1831 में इसी दिन जन्मी फुले को श्रद्धांजलि अर्पित की। जहां बादल ने उन्हें ‘सामाजिक मानदंडों और क्षुद्र पूर्वाग्रहों पर सवाल उठाने वाली महिला’ कहा, वहीं पुरी ने फुले को ‘ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में महिलाओं के अधिकारों का चैंपियन’ कहा और उन्हें पुणे में भारतीय लड़कियों के पहले स्कूल की स्थापना के लिए याद किया।
A woman who questioned social norms and petty prejudices, Savitribai Phule fought for a better, more equal world for all. On her birth anniversary, let’s resolve to keep her legacy alive.#SavitribaiPhule pic.twitter.com/U8bkT9mocS
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) January 3, 2020
बादल ने ट्वीट किया, “सावित्रीबाई फुले ने सभी के लिए एक बेहतर, अधिक समान दुनिया के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी जयंती पर, आइए उनकी विरासत को जीवित रखने का संकल्प लें।”
फुले महाराष्ट्र की एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद और कवयित्री थीं। उन्हें भारत की पहली महिला शिक्षक माना जाता है और भारतीय नारीवाद की जननी भी। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।