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UP: कल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, वाराणसी के घरों में भेजेंगे प्रसाद

मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर यहां स्थित प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई थी। बाद में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने यहां दोबारा मंदिर का निर्माण कराया था।

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए उनका संसदीय क्षेत्र वाराणसी पूरी तरह सज-धजकर तैयार है। मोदी कल यहां दो दिन के दौरे पर आ रहे हैं। कल मोदी वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा के बीच तैयार किए गए अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इस कॉरिडोर को शानदार तरीके से बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। मंदिर और गंगा के बीच के बने मकानों को प्रशासन ने उनके मालिकों से खरीदकर तुड़वाया और पूरा गलियारा बनवाया है। इस कॉरिडोर में दिव्यांगों के लिए खास व्यवस्था के तहत कोई सीढ़ी नहीं रखी गई है। यहां एस्केलेटर और लिफ्ट लगाए गए हैं। गंगा में स्नान करने के बाद अब बाबा विश्वेश्वर के श्रद्धालुओं को गलियों से होकर मंदिर तक नहीं पहुंचना होगा। वे सीधे बाबा विश्वनाथ के धाम तक पहुंच जाएंगे।

कॉरिडोर का निर्माण होने के साथ ही 350 साल से जो ज्ञानवापी कूप और नंदी की विशाल मूर्ति विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के बाहर थी, वो भी अब मंदिर का हिस्सा हो गई हैं। बता दें कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर यहां स्थित प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई थी। बाद में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने यहां दोबारा मंदिर का निर्माण कराया था। मुगल सेना के हमले के वक्त भगवान विश्वेश्वर के ज्योतिर्लिंग को लेकर मंदिर के मुख्य महंत ने ज्ञानवापी कूप में छलांग लगा दी थी। जिसे फिर स्थापित किया गया। मंदिर के शिखर को महाराजा रणजीत सिंह ने सोने से मढ़वाया था।

गंगा नदी से कॉरिडोर होकर मुख्य मंदिर तक जाने के रास्ते में मणिमाला भी बनवाई गई है। जिन मकानों में प्राचीन मंदिर थे, उनमें स्थापित मूर्तियों को मणिमाला में सजाया गया है। भक्त इन मूर्तियों के दर्शन करते हुए बाबा विश्वनाथ के पूजन के लिए जाएंगे। कनाडा से लाई गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति भी यहां स्थापित की गई है। इस मूर्ति के लिए विश्वनाथ मंदिर परिसर में नया मंदिर भी बनवाया जा रहा है। कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर वाराणसी के 8 लाख घरों में प्रसाद भी भेजा जाएगा। इसके लिए लड्डू तैयार कराए जा रहे हैं।