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Deoria Massacre: देवरिया हत्याकांड में पुलिस की कड़ी कार्रवाई, गिरफ्तार हुए 16 आरोपी, दोनों पक्षों ने दर्ज कराई FIR

Deoria Massacre: पुलिस क्षेत्राधिकारी जिलाजित सिंह ने कहा कि सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के चार सदस्यों का अंतिम संस्कार किया गया। उधऱ, प्रेमचंद्र यादव की अंतिम संस्कार भी सरयू नदी के पास किया गया है। इसके अलावा ऐसी खबर भी निकलकर सामने आ रही है कि प्रेम चंद्र यादव ने सरकारी जमीन पर घर बनाया है।

नई दिल्ली। देवरिया हत्याकांड मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनसे अभी पूछताछ का सिलसिला जारी है। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सभी के अपने-अपने आरोप हैं। वहीं, आज सीएम योगी ने अस्पताल में उपचाराधीन बच्चों से मुलाकात की और उन्हें हर संभंव मदद का आश्वासन दिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश दिया है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। बता दें कि प्रेमचंद्र यादव के समर्थकों ने सत्यप्रकाश दुबे और उनके बच्चों पर हमला कर दिया था। इस हमले में उनकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर दी गई थी।

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वहीं, सत्यप्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी ने 27 नामजद और 50 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302(हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं, प्रेमचंद्र यादव की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में सत्यप्रकाश दुबे और उनकी पत्नी को आरोपी बनाया गया है। प्रेमचंद्र ने सत्यप्रकाश के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र हथियारों के साथ दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सत्यप्रकाश दुबे का छोटा बेटा अनमोल घायल हो गया , जो कि अभी अस्पताल में उपचाराधीन है। बीते दिनों इनसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मिलने पहुंचे थे।

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उधर, पुलिस क्षेत्राधिकारी जिलाजित सिंह ने कहा कि सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के चार सदस्यों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उधऱ, प्रेमचंद्र यादव का अंतिम संस्कार भी सरयू नदी के पास किया गया है। इसके अलावा ऐसी खबर भी निकलकर सामने आ रही है कि प्रेम चंद्र यादव ने सरकारी जमीन पर घर बनाया है। अगर यह खबर सच मिकली, तो उस मकान को जमींदोज किया जा सकता है। उधर, देवरिया के जिलाधिकारी अंखड प्रताप सिंह ने कहा कि यह मामला सात साल पुराना भूमि विवाद से जु़ड़ा हुआ है। हालांकि , इसे कई साल पहले सुलझा लिया गया था, लेकिन इसके बाद विवाद इस तरह गहराया कि यह खूनी संघर्ष में ही तब्दील हो गया।