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प्रमुख स्वामी महाराज की 6ठीं पुण्यतिथि, लोग ऐसे दे रहे श्रद्धांजलि; हिंदू धर्म और मंदिर के विस्तार में उनका योगदान अतुलनीय

प्रमुख स्वामी महाराज जी BAPS के आध्यात्मिक प्रमुख (1971-2016) रहे और साथ ही 1950 से जीवन के अंत इसके अध्यक्ष। महज कुछ दशकों की अवधि में उनहोंने स्वामी नारायण संप्रदाय से संबंधित मंदिर का बड़े स्तर पर विकास किया और एक बड़े तबके को साधु बनने के लिए प्रेरित भी किया।

नई दिल्ली। बोचासणवासी अक्षर पुरुषोत्म स्वामीनारायण संस्थान (BAPS) के प्रमुख और अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कराने वाले प्रमुख स्वामी महाराज की आज 6वीं पुण्यतिथि है। प्रमुख स्वामी महाराज एक श्रद्धेय संत थे, जिनकी देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ख्याति और लोकप्रियता देखते ही बनते थी। हिंदू धर्म और मंदिरों के विस्तार में उनका योगदान अतुलनीय व अभूतपूर्व रहा है। आज उनकी पुण्यतिथि पर असंख्य लोग उन्हें स्मरण कर रहे हैं और श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का गुजरात स्थित बीएपीएस (BAPS) मंदिर से पुराना नाता रहा है। पीएम मोदी और अमित शाह कई बार मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। अमित शाह ने एक चुनाव कैंपेन के दौरान बताया भी था कि कैसे उनका जीवन स्वामी महाराज जी के विचारों और ‘दिव्यदृष्टि’ से प्रभावित हुआ।

Akshardham temple - Gujarat

प्रमुख स्वामी महाराज जी BAPS के आध्यात्मिक प्रमुख (1971-2016) रहे और साथ ही 1950 से जीवन के अंत इसके अध्यक्ष। महज कुछ दशकों की अवधि में उनहोंने स्वामी नारायण संप्रदाय से संबंधित मंदिर का बड़े स्तर पर विकास किया और एक बड़े तबके को साधु बनने के लिए प्रेरित भी किया। BAPS स्वामीनारायण संप्रदाय की एक प्रमुख शाखा है और प्रमुख स्वामी महाराज 5वें आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माने जाते हैं। उनके पहले गुणतीतानंद स्वामी, भगतजी महाराज, शास्त्रीजी महाराज और योगीजी महाराज के देख-रेख में इस संप्रदाय का विकास हुआ था।

Pramukh Swami Maharaj ---

स्वामी महाराज को श्रद्धांजलि

अज प्रमुख स्वामी महाराज के पुण्यतिथि के मौके पर अनेकों लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र के अलावा सामाजिक क्षेत्र में भी उनके अप्रतिम योगदान को लेकर लोग उनका स्मरण कर रहे हैं। बता दें कि BAPS  प्रमुख के तौर पर स्वामी महाराज ने हिंदू धार्मिक स्थलों का पूरे विश्व में विस्तार करने की दिशा में अभूतपूर्व योगदान दिया है। 2019 के आंकड़ों के अनुसार आज दुनिया भर में BAPS के 44 शिखर बंध मंदिर और 1,200 से अधिक मंदिर हैं गांधीनगर और राजधानी दिल्ली में बना अक्षरधाम परिसर भी प्रमुख स्वामी महाराज की ही देन है।

आज ये विशाल मंदिर भारतीय संस्कृति की पहचान बन गए हैं। बीएपीएस के अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक, आदिवासी क्षेत्रों, ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक स्वामी महाराज द्वारा 1,100 से  अधिक मंदिर निर्मित किए गए थे। प्रमुख स्वामी महाराज ने हिंदू संतों का समूह गठित करने की दिशा में भी अहम भूमिका अदा की थी। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, महाराज जी ने लगभग 1,000 युवाओं को भौतिक सुख-सुविधा छोड़कर साधू बनने के लिए प्रेरित किया।