
हत्या से ठीक पहले अतीक अहमद और अशरफ।
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के बाहर हुई हत्या के मामले में प्रयागराज पुलिस सवालों के घेरे में है। 20 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य नाम के बदमाशों ने अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। मान सिंह नाम का सिपाही भी फायरिंग में घायल हुआ। अतीक के सिर से सटाकर गोली मारी गई। सवाल ये ही है कि जब अतीक और अशरफ हाई प्रोफाइल थे और उनकी सुरक्षा में इतनी पुलिस थी, तो आखिर बदमाश किस तरह दोनों की हत्या कर देते हैं? बताया जा रहा है कि तीनों बदमाश पत्रकारों के वेश में थे। उनके पास कैमरे थे। इस वजह से पुलिस उनके इरादों को भांप नहीं पाई। फिर सवाल ये है कि आखिर अतीक और अशरफ के इतने पास किसी को भी आने की मंजूरी क्यों दी जा रही थी। खासकर तब, जबकि अतीक अहमद और अशरफ ने बार-बार बयान दिया था कि उनकी जान को खतरा है। अतीक ने तो अपने इस डर से संबंधित अर्जी सुप्रीम कोर्ट में भी दी थी।

आज हुए इस हत्याकांड के दौरान जो वीडियो मीडिया के कैमरों में कैद हुए, उनमें साफ दिख रहा है कि बदमाश ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे हैं। एक बदमाश को एक पुलिसकर्मी पीछे से पकड़ने की कोशिश करता है, लेकिन वो फायरिंग करता ही रहता है। इस दौरान बड़ी तादाद में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी एक भी फायर उन बदमाशों पर नहीं झोंक सके। मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों के मुताबिक ताबड़तोड़ फायरिंग के दौरान सुरक्षा में मौजूद पुलिसकर्मी पीछे हटे हुए दिख रहे थे। जब बदमाशों के हथियारों में गोलियां खत्म हो गईं, वे हाथ खड़े करके नारे लगाने लगे। तब पुलिसकर्मियों ने उनको पकड़ा। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा इस घटना पर ज्यादा जानकारी देने की जगह सिर्फ ये कहकर चले गए कि हमलावरों से पूछताछ कर हमले की वजह का पता किया जा रहा है।

वहीं, लखनऊ से सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी घटना से बहुत नाराज हैं। उन्होंने देर रात उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में डीजीपी आरके विश्वकर्मा, स्पेशल डीजी (एलएंडओ) प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव गृह और अन्य वरिष्ठ अफसर शामिल हुए। इस बैठक के बाद ये निर्देश दिए गए कि प्रयागराज का प्रशासन या पुलिस का कोई भी अफसर इस हत्याकांड पर मीडिया को किसी तरह का बयान नहीं देगा। सभी जानकारियां लखनऊ स्थित मुख्यालय से मीडिया को दी जाएंगी। इस हत्याकांड पर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर यूपी सरकार को घेरा है।
उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 15, 2023
वहीं, यूपी के जलशक्ति मंत्री और प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने ट्वीट कर पाप और पुण्य की बात कही है।
पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है…
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) April 15, 2023
पूरे मामले के राजनीतिक रंग लेने के पूरे आसार दिख रहे हैं। अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बाद बीजेपी विरोधी विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे। अब अतीक और अशरफ की मौत के बाद योगी सरकार के खिलाफ विपक्षी दल नए सिरे से मोर्चा खोल सकते हैं। कुल मिलाकर यूपी में आने वाले दिनों में अतीक-अशरफ की मौत नई सियासी रण की वजह बन गई है।