
नई दिल्ली। आज देश के नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट डाले जा रहे हैं। इस पद के लिए एनडीए ने आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को मैदान में उतारा है। जबकि, विपक्ष की ओर से पूर्व बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया गया है। मुर्मू और यशवंत सिन्हा अपनी उम्मीदवारी के बाद से ही देशभर का दौरा कर चुके हैं। मुर्मू ने जहां एनडीए और खुद को समर्थन देने वाली पार्टियों के शासित राज्यों का दौरा किया। वहीं, सिन्हा ने विपक्ष शासित राज्यों में जाकर वोट मांगा। वो कई अन्य राज्यों में भी जाकर विपक्षी नेताओं से मिले। अब चुनाव से ठीक पहले मुर्मू और यशवंत ने बयान जारी कर सभी से खुद के पक्ष में वोट देने की गुजारिश की है। यशवंत सिन्हा ने तो अपनी हार तय देखकर बीजेपी सदस्यों से ये अपील तक कर डाली कि वे पार्टी को बचाने के लिए और एक व्यक्ति (मोदी) के प्रभुत्व को खत्म करने के लिए वोट दें।
रविवार को संसद भवन में एनडीए की बैठक में द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए उनका परचा भरा जाना आदिवासियों और महिलाओं के लिए बड़ा मौका और खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि ये दोनों वर्ग उनकी जीत के प्रति उत्साहित हैं। उन्होंने समर्थन देने वाले सभी दलों का आभार जताया। मुर्मू ने बैठक में कहा कि देश में लगभग 10 करोड़ आदिवासी हैं और उनके भी 700 से ज्यादा समुदाय हैं। ये सभी मुझे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से खुश हैं।
कल राष्ट्रपति चुनाव से पहले वोट डालने जा रहे सभी सदस्यों से मेरी अपील:
अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और मुझे वोट दें। pic.twitter.com/FawIxf1vas
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 17, 2022
वहीं, राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवा यशवंत सिन्हा ने वोटिंग से पहले अपना बयान जारी किया। यशवंत सिन्हा ने सभी सांसदों और विधायकों से अपील की कि वे अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट दें। उन्होंने अपनी पुरानी बात दोहराते हुए कहा कि ये चुनाव दो व्यक्तियों के बीच न होकर दो विचारधाराओं के बीच है। मैं संविधान के प्रावधानों और मूल्यों की रक्षा करना चाहता हूं। यशवंत ने खास तौर पर बीजेपी के विधायकों और सांसदों से अपील की कि वे पार्टी को बचाने के लिए वोट दें। उन्होंने अपने बयान में पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर उनपर निशाना भी साधा।