स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने चीन को सुनाई खरी-खोटी, कही ये बात
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए वैश्विक महामारी कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य सरकारों की तारीफ की है।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए वैश्विक महामारी कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य सरकारों की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है, पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है, जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है।
74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर सीमा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
उन्होंने कहा कि भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है। हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।
सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे।
पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।
हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है।
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 14, 2020
राष्ट्रपति ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हुए भूमिपूजन पर कहा कि केवल दस दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है। देशवासियों ने लंबे समय तक धैर्य और संयम का परिचय दिया और देश की न्याय व्यवस्था में सदैव आस्था बनाए रखी। श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित न्यायिक प्रकरण को भी समुचित न्याय-प्रक्रिया के अंतर्गत सुलझाया गया। सभी पक्षों और देशवासियों ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार किया और शांति, अहिंसा, प्रेम एवं सौहार्द के अपने जीवन मूल्यों को विश्व के समक्ष पुनः प्रस्तुत किया. इसके लिए मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं।
74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, देश-विदेश में रह रहे, भारत के सभी लोगों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “इस अवसर पर, हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं। उनके बलिदान के बल पर ही, हम सब, आज एक स्वाधीन देश के निवासी हैं।”
उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गांधी हमारे स्वाधीनता आंदोलन के मार्गदर्शक रहे। उनके व्यक्तित्व में एक संत और राजनेता का जो समन्वय दिखाई देता है, वह भारत की मिट्टी में ही संभव था।