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G-20 Summit: ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’, कांग्रेस नेता जयराम ने ट्वीट कर किया दावा, कहा INDIA का नाम बदला

G-20 Summit: बता दें कि INDIA शब्द का सुर्खियों में आया है जब से विपक्षी दलों के गठबंधन ने मोदी सरकार को घेरने के लिए 2024 चुनाव से पहले अपना नाम INDIA रखा है। तब से इंडिया को लेकर आपत्ति तेज हो गई है। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है। ऐसे में इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि संसद के विशेष सत्र में संविधान संशोधन का बिल लाकर इंडिया शब्द को हटा दिया जाए।

नई दिल्ली। जी-20 समिट के निमंत्रण पत्र को लेकर अब बवाल शुरू हो गया है। दरअसल कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जी20 समिट से पहले एक बड़ा दावा करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। दरअसल 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन होने वाला है। जिसको लेकर राजधानी में तैयारियां तेजी से चल रही है। बता दें कि जी-20 समिट में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। वहीं जी 20 की बैठक से पहले 9 सितंबर को भारत मंडपम में होने वाले रात्रि भोज के लिए राष्ट्रपति भवन की तरफ से एक निमंत्रण पत्र सामने आया है। इस निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया है। जिसको लेकर अब सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने इस संघवाद पर हमला बताया। उधर सोशल मीडिया पर ये निमंत्रण पत्र तेजी से वायरल हो रहा है।

जयराम रमेश ने X ( पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ”तो ये खबर वाकई सच है, राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी-20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘भारत के राष्ट्रपति’ की जगह ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है। आगे कांग्रेस नेता ने केंद्र पर वार करते हुए लिखा, अब, संविधान में अनुच्छेद 1 पढ़ सकता है: “भारत, जो भारत था, राज्यों का एक संघ होगा।”

जानकारी के लिए बता दें कि INDIA शब्द का सुर्खियों में आया है जब से विपक्षी दलों के गठबंधन ने मोदी सरकार को घेरने के लिए 2024 चुनाव से पहले अपना नाम INDIA रखा है। तब से इंडिया को लेकर आपत्ति तेज हो गई है। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है। ऐसे में इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि संसद के विशेष सत्र में संविधान संशोधन का बिल लाकर इंडिया शब्द को हटा दिया जाए।

बता दें कि पिछले दिनों असम के गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत  के लिए इंडिया शब्द के इस्तेमाल के चलन की बात कही थी। मोहन भागवत के मुताबिक किसी नाम का अनुवाद नहीं होना चाहिए। नाम हर भाषा में एक ही होना चाहिए।