नई दिल्ली। यूपी कांग्रेस के नेता और प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के खिलाफ कांग्रेस में ही साजिश का शक जताया है। जाने-माने पत्रकार दीपक चौरसिया से खास बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल के खिलाफ पार्टी में साजिश का शक जताया। प्रमोद कृष्णम ने ये खुलासा भी किया कि कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे हैं, जो चाहते हैं कि मानहानि मामले में जमानत हासिल कर चुके राहुल गांधी जेल चले जाएं। प्रमोद कृष्णम ने राहुल के खिलाफ पार्टी में ही साजिश के बारे में शक जताते हुए शेक्सपियर के नाटक जूलियस सीजर का उदाहरण दिया। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सीजर की पीठ में उनके खास ब्रूटस ने ही छुरा भोंका था। उससे पहले सीजर उसे अपना सबसे करीबी मानते थे। सुनिए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने क्या कहा।
कांग्रेस में राहुल को जेल भेजने की साजिश किसकी?@AcharyaPramodk EXCLUSIVE
कसम संविधान की 7:55 PM @ZeeNews pic.twitter.com/qWI6FdOKyQ
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) April 1, 2023
आचार्य प्रमोद कृष्णम का ये बयान आते ही बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश और राहुल गांधी को ट्वीटर पर टैग कर आचार्य प्रमोद कृष्णम की इस बात को बड़ा खुलासा बताया और कहा कि पहले दिन से बीजेपी कह रही है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने या उनके खिलाफ अदालती लड़ाई से उसका कुछ लेना देना नहीं है। शहजाद ने जयराम रमेश से आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान पर जवाब मांगा। उन्होंने ये भी लिखा कि आचार्य प्रमोद बीजेपी के दोस्त नहीं, बल्कि बड़े विरोधी हैं।
This is a very big disclosure that @Jairam_Ramesh must answer about
Acharya Pramod , closest aide of Priyanka Vadra, has clearly said that it is leaders in the Congress who want @RahulGandhi jailed . From day 1 it was clear that BJP had no role in the disqualification or… https://t.co/bWid9UKu6A
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) April 1, 2023
बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इससे पहले शुक्रवार को भी राहुल गांधी के मामले में ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में ये सवाल उठाया था कि कांग्रेस प्रवक्ता को बचाने के लिए तो पार्टी तुरंत कोर्ट चली जाती है। जबकि, राहुल गांधी के मामले में अब तक कोर्ट नहीं गई है। बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को जब असम पुलिस गिरफ्तार करने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची थी, तो कांग्रेस की तरफ से तत्काल सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था। जबकि, राहुल गांधी को मानहानि सजा मिलने के बाद अपील के लिए कांग्रेस की तरफ से ऊंची अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया गया है।