प्रवासी मुफ्त में यात्रा क्यों नहीं कर सकते : प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि जब विदेशों में फंसे लोगों को वहां से फ्री में लाया गया तो फिर प्रवासियों से ट्रेन टिकट का पैसा क्यों लिया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं, लेकिन आज वे यह दर्द सहने के लिए मजबूर हैं।”
नई दिल्ली। प्रवासी श्रमिकों के लिए रेलवे टिकट का खर्च वहन करने की घोषणा के बाद से कांग्रेस ने सरकार पर चौतरफा हमले शुरू कर दिए हैं। सत्तारूढ़ दल पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर सरकार ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है और रेल मंत्री पीएम-केआरई फंड में 151 करोड़ रुपये दान कर सकते हैं, तो ऐसी ही पारस्परिकता संकटग्रस्त प्रवासियों के लिए क्यों नहीं दिखाई जा सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब विदेशों में फंसे लोगों को वहां से फ्री में लाया गया तो फिर प्रवासियों से ट्रेन टिकट का पैसा क्यों लिया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं, लेकिन आज वे यह दर्द सहने के लिए मजबूर हैं।”
उन्होंने कहा, “जब हम विमानों का उपयोग कर विदेशी भूमि से लोगों को निकाल कर ला सकते हैं, नमस्ते ट्रम्प में 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं और रेल मंत्री पीएम-केयर फंड को 151 करोड़ रुपये दान कर सकते हैं, तो फिर इस संकट के समय में मजदूरों को मुफ्त यात्रा करने की अनुमति क्यों नहीं है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने घर लौटने वालों के खर्च का ध्यान रखने का फैसला किया है। इस बीच, सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, “कांग्रेस ने एक निर्णय लिया है कि प्रत्येक राज्य कांग्रेस कमेटी (राज्य इकाई) प्रत्येक जरूरतमंद श्रमिक और प्रवासी मजदूर की रेल यात्रा की लागत वहन करेगी और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएगी।”
“यह हमारे हमवतनों की सेवा में कांग्रेस का विनम्र योगदान होगा और हम उनके साथ एकजुट होकर कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे।” उनकी यह टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है कि प्रवासियों को उनके राज्यों तक ट्रेनों से पहुंचाने के लिए यात्रा शुल्क लिया जा रहा है। रेलवे ने पहले कहा था कि वह राज्य सरकारों से ‘श्रमिक’ विशेष ट्रेन टिकट के शुल्क ले रहा है। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि श्रमिक विशेष ट्रेनें राज्य सरकारों द्वारा पहचाने गए और पंजीकृत “नामांकित लोगों” के लिए हैं और रेलवे किसी भी व्यक्ति को टिकट जारी नहीं करेगा या किसी समूह के आग्रह को नहीं सुनेगा।