नई दिल्ली। पंजाब चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। राज्य में पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार आई है। बीते दिनों भगवंत मान सिंह ने मुख्यमंत्री के पद पर शपथ ली थी। मुख्यमंत्री पद मिलने के बाद से ही भगवंत मान ने राज्य की जनता से कई बड़े वादे किए। इसके अलावा पंजाब चुनाव में खुद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाने के लिए जनता से कई लोक लुभावने वादे भी किए थे। राजधानी दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने जनता का दिल जीतने के लिए मुफ्त का लालच भी दिया। इसके साथ सबसे बड़ा मुद्दा आप ने चुनाव में बेरोजगारी का उठाया था। मगर सत्ता में काबिज होने के बाद मान सरकार अपने वादे को नहीं निभा रही है। जिसके बाद पंजाब की आप सरकार के खिलाफ बेरोजगार युवकों ने मोर्चा खोलते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लेकिन प्रदर्शन करने के दौरान फिल्मी अंदाज भी देखने को मिला। आप सभी ने बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म शोले तो देखी होगी। जिसमें हीरोइन हेमा मालिनी को मनाने के लिए अभिनेता धमेंद्र को पानी टंकी पर चढ़ना पड़ता है। कुछ इसी तरह से पंजाब के संगरूर में बेरोजगार युवकों ने सीएम भगवंत मान से अपनी समस्या को सुलाझने के लिए पानी टंकी पर चढ़ना पड़ा।
भगवंत मान की सरकार में पहली बार बेरोजगार युवक को टंकी पर भी चढ़ना पड़ा। इसको लेकर वह पर काफी बवाल भी देखने को मिला। बताया जा रहा है कि यह युवक बीते 6 साल पहले पुलिस भर्ती वाले हैं। इसके साथ ही युवकों का सीएम भगवंत मान पर कई आरोप भी लगाए। उनका कहना है कि चुनाव से पहले जनता को रिझाने के लिए भगवंत मान घर-घर जाकर जोर शोर से प्रचार करते थे। लेकिन अब सत्ता में काबिज होने के बाद हमें मिलने तक नहीं आते। इसके साथ ही उन्होंने मान सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि जब तक उन्हें नौकरी नहीं मिल जाती है वह अपने घर नहीं जाएंगे। युवकों का कहना है कि पढ़े लिखने होने के बावजूद उनको दिहाड़ी मजदूरी करनी पड़ रही है।
यहां देखिए वीडियो-
भगवंत मान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, टंकी पर चढ़े ‘बेरोजगार’; संगरुर पुलिस में भर्ती को लेकर मचा है बवाल pic.twitter.com/8RpInKjrK8
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) March 29, 2022
प्रदर्शन करने वाले युवकों ने बताया कि 22 मार्च को उन्होंने संगरूर में धरना दिया था। बवाल बढ़ता देख सीएम OSD से भी मिले। जिसके बाद उन्हें 28 मार्च को चंडीगढ़ बुलाया गया और इतना ही नहीं उन्हें भरोसा दिया था कि मुख्यमंत्री मान से भेंट करवाएंगे। लेकिन ना तो सीएम से मुलाकात करवाई। साथ ही उन्होंने फिर मांग पत्र को लेकर कहा कि इस बारे में फिर सोचेंगे।
हैरान करने वाली बात ये भी कि इसी मुद्दे को लेकर तत्कालीन चन्नी सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने हल्ला बोला था। लेकिन जब खुद सत्ता पर काबिज हुई तो अब अपने वादे से भागते दिखाई दे रही है।