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PSLV Launches Sattelites: इसरो की एक और सफल उड़ान, पीएसएलवी के जरिए अंतरिक्ष में सिंगापुर के 7 सैटेलाइट किए लॉन्च

सुबह 6.30 बजते ही पीएसएलवी के इंजन गरज उठे। नारंगी और पीले रंग की आग उस इंजन से निकलने लगी। रॉकेट अपने लॉन्च पैड से ऊपर उठा और तेजी से अंतरिक्ष की ओर बढ़ गया। कुछ मिनट बाद ही रॉकेट ने बेहतरीन तरीके से एक के बाद एक सभी 7 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में उनकी कक्षा में पहुंचा दिया।

श्रीहरिकोटा। अपने पुराने तरीके से ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो ने आज एक बार फिर दमदार प्रदर्शन किया। इसरो ने अपने वर्क हॉर्स कहे जाने वाले पीएसएलवी सी-56 रॉकेट से सिंगापुर के 7 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलता से स्थापित कर दिया। सुबह 6.30 बजते ही पीएसएलवी के इंजन गरज उठे। नारंगी और पीले रंग की आग उस इंजन से निकलने लगी। रॉकेट अपने लॉन्च पैड से ऊपर उठा और तेजी से अंतरिक्ष की ओर बढ़ गया। कुछ मिनट बाद ही रॉकेट ने बेहतरीन तरीके से एक के बाद एक सभी 7 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में उनकी कक्षा में पहुंचा दिया।

इसरो ने इससे पहले इसी साल मार्च में एलएमवी-3 रॉकेट से ब्रिटेन की कंपनी वन वेब के 36 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए थे। फिर अप्रैल में पीएसएलवी के जरिए ही सिंगापुर के 2 सैटेलाइट को लॉन्च किया गया था। इस बार जो सैटेलाइट भेजे गए हैं, उनमें डीएस-एसएआर भी है। इसे सिंगापुर की डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी और एसटी इंजीनियरिंग ने मिलकर बनाया है। इसरो ने इसके साथ ही इस साल तीसरा कॉमर्शियल सैटेलाइट लॉन्च करने की उपलब्धि हासिल की है। पीएसएलवी रॉकेट की ये 58वीं उड़ान थी। खास बात ये है कि ये रॉकेट आज तक फेल नहीं हुआ है।

singapore satellite
पीएसएलवी के भीतर सिंगापुर का सैटेलाइट।

इसरो ने कुछ दिन पहले ही अपने सबसे ताकतवर रॉकेट एलएमवी-3 से चंद्रयान भेजा था। चंद्रयान भी तय समय पर लॉन्च किया गया था। चंद्रयान अभी धरती की कक्षा में चक्कर काट रहा है। 1 अगस्त को इसरो इसे लूनर ट्रांसफर कराएगा। यानी चंद्रयान तब चांद की कक्षा में जाने के लिए अपनी आगे की यात्रा शुरू करेगा। इसरो को काफी कॉमर्शियल लॉन्च इसलिए भी मिलते हैं, क्योंकि सैटेलाइट लॉन्च करने में उसका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। इसके अलावा इसरो के रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजना अन्य देशों के मुकाबले काफी सस्ता भी पड़ता है।